UPSC: तैयारी के लिए जून-अक्टूबर का समय होता है महत्वपूर्ण, ऐसे करें उपयोग

UPSC सिविल सेवा परीक्षा (CSE) सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। CSE में तीन चरण प्रारंभिक परीक्षा, मेन परीक्षा और व्यक्तित्व परीक्षण/साक्षात्कार शामिल हैं। हालांकि CSE काफी चुनौतीपूर्ण है, लेकिन इसे सही तैयारी के साथ पास किया जा सकता है। प्री और मेन के बीच का समय (जून-अक्टूबर) तैयारी के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है और इसका सही उपयोग करना जरुरी है। हमने इस लेख में बताया है कि कैसे उम्मीदवारों को इस महत्वपूर्ण समय का उपयोग करना चाहिए।
तैयारी के लिए जून और अक्टूबर के बीच के चार महीने (प्री के बाद और मेन से पहले) काफी महत्वपूर्ण माने जाते हैं। प्री के बाद जहां कुछ उम्मीदवारों को ये भरोसा होता है कि वे पहले चरण को पास कर लेंगे। वहीं कुछ अपने प्रदर्शन के बारे में कंफ्यूज हो सकते हैं। चाहे उन्होंने कैसा भी प्रदर्शन किया हो, उम्मीदवारों को मेन के सिलेबस को कवर करना चाहिए और इस महत्वपूर्ण समय का समझदारी से उपयोग करना चाहिए।
तैयारी के लिए कई जरुरी काम होते हैं, जो समय पर कर लेने चाहिए। उम्मीदवारों को सबसे पहले तैयारी के लिए आवश्यक पुस्तकों और अध्ययन सामग्री को इकट्ठा करना चाहिए, जिससे कि उनका हर समय एक-एक पुस्तक को खोजने में न निकल जाए। उम्मीदवारों को बहुत सी किताबें/सामग्री खरीदने की ज़रूरत नहीं है, लेकिन विशेषज्ञों द्वारा सलाह दी गईं कुछ अच्छे किताबें जरूर खरीदें। बेसिक कॉन्सेप्ट के लिए 6वीं से 12वीं तक की NCERT की पाठ्यपुस्तकें पढ़ना आवश्यक है।
उचित तैयारी के लिए एक शांत और आरामदायक जगह खोजना भी आवश्यक है। उम्मीदवारों को केवल अध्ययन करने के लिए एक अलग जगह चुननी चाहिए। उन्हें वहां कुछ और नहीं करना चाहिए। इससे वह अध्ययन करने और नियमित दिनचर्या बनाने के लिए प्रेरित होंगे।
CSE मेन में एक विशाल पाठ्यक्रम शामिल होता है, इसलिए उम्मीदवारों की एक उचित अध्ययन योजना होनी चाहिए। परीक्षा की तैयारी करते समय अपनी बनाई गई योजना के अनुसार ही आपको तैयारी करनी चाहिए। सिलेबस को कवर करने और रिवीजन करने के लिए, उन्हें जून-अक्टूबर के दौरान एक ठोस तैयारी योजना बनाएं, टाइम-टेबल बनाएं। उम्मीदवारों को हर दिन अखबार और करंट अफेयर्स पढ़ने के लिए कुछ समय अलग से देना चाहिए।
तैयारी करते समय उम्मीदवारों को कॉन्सेप्ट को बेहतर ढंग से समझने के लिए आवश्यक बिंदुओं को लिखने के लिए एक अलग नोट्स बनाने चाहिए। अखबार/करंट अफेयर्स के साथ-साथ नोट्स बनाना भी उपयोगी है। अपने द्वार बनाए गए नोट्स जल्द रिवीजन के लिए काफी उपयोगी होते हैं। साथ ही उम्मीदवारों को पिछले प्रश्न पत्रों को हल करना चाहिए और मॉक टेस्ट देना चाहिए। इससे वे पैटर्न, कठिनाई स्तर को जानकर सुधार कर सकते हैं।