CA बनाम MBA फाइनेंस: दोनों कोर्स में अंतर और किसमें मिलती है ज्यादा सैलरी? जानें
आज की दुनिया में पोस्ट ग्रेजुएन या प्रोफेशनल योग्यता हासिल करना बहुत महत्तवपूर्ण है। कॉमर्स पृष्ठभूमि के छात्रों के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंसी (CA) और फाइनेंस में मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (MBA) सबसे पसंदीदा करियर विकल्पों में से हैं। क्योंकि ये अच्छे पैकेज के साथ रोमांचक अवसर प्रदान करते हैं। कई छात्रों को कन्फयूजन होती है कि उनके भविष्य के लिए MBA और CA में से कौन सा विकल्प बेहतर है। इस लेख से इन दोंनो के बारे में बताया है।
क्या है CA प्रोग्राम?
चार्टर्ड अकाउंटेंसी एकाउंटिंग के क्षेत्र में सबसे कठिन और सबसे अधिक मांग वाले प्रोफेशनल करियर विकल्पों में से एक है। यह एक तीन-स्तरीय कार्यक्रम है, जो देश में इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) द्वारा प्रदान किया जाता है। CA प्रोग्राम को तीन चरणों में विभाजित किया जाता है, जिसमें फाउंडेशन कोर्स, इंटरमीडिएट कोर्स और फाइनल कोर्स शामिल हैं।
क्या है फाइनेंस में MBA?
फाइनेंस में MBA स्नातक के बाद कॉमर्स छात्रों के बीच टॉप विकल्पों में से एक बना हुआ है। यह कई टॉप मैनेजेंट संस्थानों द्वारा पेश किया जाता है। टॉप बिजनेस स्कूलों में प्रवेश पाने के लिए कॉमन एप्टीट्यूड टेस्ट (CAT) या अन्य मैनेजेंट प्रवेश परीक्षा जैसे कि SNAP, MAT, CMAT, XAT आदि को पास करना होता है। कुछ प्राइवेट कॉलेज योग्यता के माध्यम से या मैनेजमेंट कोटा के माध्यम से प्रवेश देते हैं।
क्या है दोनों कोर्स की अवधि?
CA पाठ्यक्रम के लिए न्यूनतम पात्रता किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं परीक्षा या समकक्ष है। CA कोर्स की औसत अवधि 12वीं के बाद 4.5 साल और स्नातक होने के बाद तीन साल है। वहीं दूसरी ओर फाइनेंस में MBA केवल स्नातक स्तर की पढ़ाई के बाद किया जा सकता है। फुलटाइम MBA की डिग्री की अवधि आम तौर पर 18-24 महीनों के बीच की होती है।
इन पर केंद्रित हैं पाठ्यक्रम
CA मुख्य रूप से फाइनेंशियल एकाउंटिंग और रिपोर्टिंग, टैक्सेशन, कानून, ऑडित, बिजनेस एनवायरमेंट, फाइनेंस आदि पर केंद्रित है। फाइनेंस में MBA मुख्य रूप से बिजनेस फाइनेंस से संबंधित है और छात्रों को कई क्षेत्रों में जैसे असिस्ट मैनेजमेंट, इनवेस्टमेंट बैंकिंग आदि भी तैयार करता है।
CA को मिलती है इतनी सैलरी
चार्टर्ड अकाउंटेंट प्राइवेट तौर पर प्रैक्टिस कर सकते हैं या बड़ी फर्मों के साथ उनके खातों और फाइनेंस विभागों में विभिन्न पदों पर काम कर सकते हैं। उनके पास नौकरी करने के लिए विभिन्न विकल्प होते हैं और वे इंटरनल ऑडित, फाइनेंशियल एंड एकाउंटिंग मैनेजमेंट, टैक्सेशन, बैंकिंग, निवेश निर्णय आदि में काम करना चुन सकते हैं। एक फ्रेशर CA औसतन 6-7 लाख रुपये प्रति वर्ष कमाता है।
MBA वालों को मिलती है इतनी सैलरी
फाइनेंस में MBA पूरा करने के बाद उम्मीदवारों के पास प्राइवेट और सरकारी क्षेत्रों में कई अवसर होंगे, जिनमें MNCs, फाइनेंशियल कंसल्टेंसी, फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट और बैंक शामिल हैं। कुछ लोकप्रिय करियर के अवसरों में एकाउंट्स और फाइनेंस मैनेजमेंट, बिजनेस एनालिसिस, निवेश बैंकिंग, क्रेडिट मैनेजमेंट, फाइनेंशियल एनालिसिस, बीमा और रिक्स मैनेजमेंट आदि शामिल हैं। टॉप कॉलेजों से फाइनेंस में MBA वालों का औसत वेतन लगभग 10-15 लाख रुपये प्रति वर्ष है