सफल छात्र बनना चाहते हैं तो न करें ये गलतियां, हो सकता है नुकसान
हमेशा परीक्षा में अव्वल रहने वाले छात्र अपनी बुद्धिमत्ता के कारण नहीं बल्कि अपनी प्रभावी अध्ययन आदतों और निर्णय लेने के कौशल के कारण भी उत्कृष्टता हासिल करते हैं। वे औसत छात्रों की तरह अध्ययन नहीं करते, उनके पढ़ने का तरीका अलग होता है, जो उन्हें लगातार आगे बढ़ने में मदद करता है। अगर आप भी अपनी कक्षा के अव्वल छात्र बनना चाहते हैं तो यहां बताई गई गलतियों को बिल्कुल न दोहराएं।
टालने की आदत
अक्सर कई छात्र टालने की आदत की वजह से पढ़ाई में पीछे हो जाते हैं। वे परीक्षाएं नजदीक आने पर भी पढ़ाई नहीं करते और हर काम को टालते रहते हैं। वहीं, स्मार्ट छात्र अक्सर समय प्रबंधन के महत्व को समझते हैं और अंतिम समय तक कार्यों को टालने से बचते हैं। वे पहले से योजना बनाते हैं और कार्यों को छोटे, प्रबंधनीय चरणों में विभाजित करते हैं और समय सीमा का पालन करते हैं।
फीडबैक को नजरअंदाज करना
फीडबैक मिलने पर उसका अनुसरण न करना कई छात्रों को पढ़ाई में पीछे कर देता है। ऐसे में आप ये गलती न करें। एक अव्वल छात्र हमेशा सक्रिय रूप से लोगों से फीडबैक मांगते हैं और सुधार के लिए इसका रचनात्मक तरीके से उपयोग करते हैं। वे फीडबैक को आलोचना के बजाय व्यक्तिगत और शैक्षणिक विकास के लिए एक मूल्यवान उपकरण के रूप में देखते हैं और ये चीज उन्हें आगे बढ़ने में मदद करती है।
प्रश्न न पूछना
कई छात्र शिक्षकों और सहपाठियों से सवाल पूछने में डरते हैं। उनका मानना होता है कि बुनियादी सवाल पूछने पर वे मजाक का पात्र बन सकते हैं। वहीं, होशियार छात्र कुछ समझ नहीं आने पर सवाल पूछने से नहीं डरते। उनका कहना है कि स्पष्टीकरण मांगना सीखने की प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और सामग्री के बारे में उनकी समझ को मजबूत करने में मदद करता है। ऐसे में सफल होने के लिए प्रश्न पूछने की आदत विकसित करें।
केवल याद करने पर निर्भर रहना
कई औसत छात्रों का मानना होता है कि पढ़ाई में अव्वल रहने के लिए केवल याद करना काफी है, लेकिन ये एक बड़ी गलती है। हमेशा कक्षा में अव्वल रहने वाले छात्र केवल जानकारी याद रखने के बजाय अवधारणाओं को समझने पर ध्यान केंद्रित करते हैं। इससे लक्ष्य को लेकर उनकी समझ गहरी होती है और उन्हें विभिन्न संदर्भों और समस्या समाधान परिदृश्यों में ज्ञान लागू करने में मदद मिलती है।
मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी
कई छात्र अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी करते हैं और ये एक बड़ी गलती है। होशियार छात्र हमेशा अपने मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हैं और तनाव के संकेतों को अवगत होते हैं। वे जरूरत पड़ने पर लोगों से सहायता मांगते हैं।