ऑफलाइन कोचिंग के दौरान हो सकती हैं ये समस्याएं, सोच समझकर करें चुनाव
बोर्ड परीक्षा और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने के लिए अधिकांश छात्र कोचिंग का सहारा लेते हैं। कोचिंग में परीक्षा तैयारी के लिए सही मार्गदर्शन मिलता है और छात्रों को प्रेरित रहने में मदद मिलती है। ऑफलाइन और ऑनलाइन कोचिंग में से अधिकांश छात्र ऑफलाइन माध्यम का चुनाव करते हैं। भौतिक कक्षाओं में शिक्षकों से पढ़ाई करना अच्छा है, लेकिन कई बार ये समस्या का कारण भी बन सकता है। आइए ऑफलाइन कोचिंग के नकारात्मक पहलुओं को जानते हैं।
ज्यादा होता है पैसा खर्च
ऑफलाइन कोचिंग की सबसे बड़ी समस्या समय और स्थान की बाधा है। उम्मीदवारों को विशिष्ट भौगोलिक स्थान पर शारीरिक रुप से उपस्थित होना पड़ता है। इससे कॉलेज में पढ़ने वाले या नौकरी के साथ तैयारी करने वाले उम्मीदवारों को परेशानी होती है। कोचिंग संस्थान आने-जाने में काफी समय और पैसा बर्बाद होता है। अधिकांश ऑफलाइन कोचिंग बड़े-बड़े शहरों में होती है, इसके चलते ग्रामीण क्षेत्र के अभ्यर्थियों को समस्या आती है।
सीमित अध्ययन स्त्रोत
ऑफलाइन कोचिंग संस्थानों में स्थानीय शिक्षक पढ़ाते हैं। इसके चलते उम्मीदवार विभिन्न क्षेत्रों के प्रसिद्ध शिक्षकों का मार्गदर्शन नहीं ले पाते। इसके विपरीत ऑनलाइन माध्यम में छात्र देशभर के अनुभवी शिक्षकों से मार्गदर्शन लेकर घर बैठे परीक्षा तैयारी कर सकते हैं। कई बार पैसों के लालच के चलते ऑफलाइन कोचिंग संस्थान गुणवत्ताहीन शिक्षा प्रदान करते हैं। इनमें दी जाने वाली अध्ययन सामग्री भी अपडेट नहीं होती। इसके चलते छात्र पढ़ाई में पीछे रह जाते हैं।
क्लास छूटने से होता है नुकसान
ऑफलाइन कोचिंग में छात्रों को रिकॉर्ड कक्षाएं नहीं मिलती। ये उन छात्रों के लिए परेशानी वाली बात है, जो विपरीत परिस्थितियों में कोचिंग जाने से चूक जाते हैं। इसके विपरीत ऑनलाइन कोचिंग में वीडियो कक्षाओं को कभी भी देखा और समझा जा सकता है। ऑफलाइन कोचिंग में कई छात्र एक साथ पढ़ाई करते हैं। ऐसे में एकाग्रता की कमी भी देखी जाती है। कई बार शिक्षकों की अनुपस्थिति से भी पाठ्यक्रम पूरा नहीं हो पाता।
समय प्रबंधन में परेशानी
ऑफलाइन कोचिंग का शेड्यूल काफी चुनौतीपूर्ण होता है। कई कक्षाएं घंटों तक चलती है। ऐसे में छात्र अन्य कामों पर ध्यान नहीं दे पाते। अगर, कोचिंग अलग-अलग क्षेत्रों में हैं, तो ज्यादा परेशानी होती है। परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए स्वाध्याय करना भी महत्वपूर्ण है, लेकिन ऑफलाइन कोचिंग में ये संभव नहीं हो पाता। ऑफलाइन कोचिंग में प्रतिस्पर्धा का माहौल होता है, इससे कई छात्र अतिरिक्त शैक्षणिक दबाव महसूस करते हैं।
अतिरिक्त वित्तीय खर्च
ऑनलाइन की तुलना में ऑफलाइन कोचिंग की फीस ज्यादा होती है। ऐसे में छात्रों को अतिरिक्त वित्तीय खर्च का सामना करना पड़ सकता है। अगर, आप किसी दूसरे शहर में जाकर कोचिंग करेंगे, तो रहने-खाने का ज्यादा खर्च आएगा।