Tour of Duty: टूर ऑफ ड्यूटी के तहत चार साल के लिए होगी सेना में भर्ती
क्या है खबर?
देश में सैनिक स्तर पर भर्ती (Jawans recruitment) की पूरी प्रक्रिया में एक बड़ा बदलाव होना तय है। भारतीय थलसेना (Indian Army), वायुसेना और नौसेना में अब सैनिकों की सभी भर्तियां टूर ऑफ ड्यूटी (ToD) के तहत होंगी।
द हिंदू ने सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर लिखा है कि ToD के तहत युवाओं को चार साल के लिए सेना में भर्ती किया जाएगा और इस संबंध में मई के अंत में ऐलान किया जा सकता है।
वेतन
ToD के तहत चयनित सैनिकों को वेतन कितना मिलेगा?
सुत्रों के मुताबिक, चार साल की ToD में चयनित उम्मीदवारों को छह महीने की ट्रेनिंग के दौर से गुजरना पड़ेगा जिसके बाद वह सेना में साढ़े तीन साल नौकरी करेंगे।
इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए एक अन्य सूत्र ने बताया कि ToD के तहत चयनित उम्मीदवारों को वेतन और अन्य सुविधाएं स्थायी सैनिकों को बराबर ही मिलेंगी।
चार साल की नौकरी समाप्त होने के बाद इन सैनिकों को एकमुश्त करीब 10-12 लाख रुपये दिए जाएंगे।
कोर्स
नौकरी के दौरान कर सकेंगे प्रोफेशनल और डिप्लोमा कोर्स
सूत्रों ने कहा कि चार साल की नौकरी के दौरान ही इन सैनिकों को प्रोफेशनल डिग्री और डिप्लोमा कोर्स भी कराए जाएंगे ताकि चार साल की सेवा के बाद जब वे सेना से निकलकर दूसरे रोजगार की तलाश करें तो उन्हें नौकरी मिल सके।
न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, पर्मानेंट कमीशन के लिए इन सैनिकों को चार साल के बाद दोबारा दूसरे दौर की भर्ती में शामिल होना पड़ेगा और इसका चयन सलेक्शन बोर्ड करेगा।
संख्या
ToD लागू होने के बाद अधिक होगी युवा सैनिकों की संख्या
सेना में सैनिकों की औसत उम्र करीब 35-36 साल है और ToD लागू होने के बाद चार-पांच साल में सैनिकों की औसत उम्र 25-26 साल हो जाएगी और सेना ज्यादा युवा नजर जाएगी।
एक अधिकारी ने बताया कि हर साल औसतन 60,000 सैनिक अन्य रैंक के पदों से रिटायर होते हैं जिनकी उम्र 35-37 साल के बीच होती है। इसके बाद उन्हें लंबे समय तक पेंशन मिलती रहती है।
जानकारी
ToD लागू होने से पेंशन का भार होगा कम
अधिकारी ने बताया कि जूनियर कमीशन अधिकारी (JCO) और अन्य रैंक (OR) के अधिकारियों को मिलने वाली पेंशन का भार सेना के उच्च अधिकारियों से अधिक है और ऐसे में ToD के लागू होने से स्थिति में सुधार होगा।
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस
ToD पर सरकार लगभग दो साल से विचार कर रही थी और उस समय सेना में जवानों के लिए यह व्यवस्था तीन साल की अवधि के लिए रखी गई थी। हालांकि विचार-विमर्श करने के बाद इसे चार साल करने का फैसला लिया गया है।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण सेना में लगभग दो साल से भर्ती नहीं हो रही हैं, ऐसे में यह भर्ती शुरू होने से नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं को राहत मिलेगी।