30 सितंबर के बाद MBBS सीटों पर हुए सभी प्रवेश अमान्य घोषित, आदेश जारी
राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (NMC) ने MBBS सीटों पर प्रवेश को लेकर बेहद महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। आयोग ने 30 सितंबर के बाद काउंसलिंग प्रक्रिया में आवंटित सीटों पर प्रवेश रद्द कर सभी दाखिलों को अमान्य घोषित कर दिया है। इसका मतलब है कि जिन छात्रों को 30 सितंबर के बाद हुई काउंसलिंग में MBBS सीटें आवंटित की गई हैं, उन्हें अपनी सीट गंवानी पड़ेगी। इस आदेश से प्रभावित होने वाले छात्रों की संख्या 500 से अधिक हो सकती है।
आदेश में क्या लिखा है?
आधिकारिक आदेश में लिखा गया है कि MBBS सीटों पर प्रवेश के लिए काउंसलिंग की आखिरी तारीख 30 सितंबर थी। इस तारीख के बाद हुई काउंसलिंग NMC के आदेश का उल्लंघन है। ऐसे में 30 सितंबर की समय सीमा के बाद केंद्रीय और राज्य अधिकारियों ने जिन छात्रों को प्रवेश दिया है, उन्हें तुरंत संस्थान से छुट्टी दी जानी चाहिए। बता दें कि NEET और अन्य मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं में भाग लेने वाले छात्र काउंसलिंग में हिस्सा लेते हैं।
NMC ने दिया सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला
NMC ने आधिकारिक अधिसूचना में अलग-अलग सालों में दिए गए सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला दिया। NMC ने लिखा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश अनुसार, पहले से तय की गई कट-ऑफ तारीख को बढ़ाया नहीं जा सकता। कोर्ट पहले भी कह चुका है कि केवल सीटें खाली होने की वजह से कट-ऑफ तारीख को बढ़ाना उचित नहीं है। भारतीय मेडिकल परिषद के विनियमों में भी कट-ऑफ तारीख के बाद कोई प्रवेश नहीं दिए जाने का प्रावधान है।
इन राज्यों में चल रही थी काउंसलिंग
स्नातक मेडिकल शिक्षा बोर्ड के निदेशक शंभू शरण कुमार ने कहा कि आयोग के संज्ञान में आया है कि कई राज्यों जैसे महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल में निर्धारित तारीख के बाद भी ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड में MBBS काउंसलिंग की जा रही थी। ये राज्य सुप्रीम कोर्ट और मेडिकल परिषद के आदेशों का उल्लघंन कर रहे थे। इसका असर देश भर के छात्रों पर पड़ सकता है। ऐसे में प्रवेश को रद्द करने का निर्णय लिया गया है।
NMC ने इस आदेश को लिया वापस
NMC ने हाल ही में MBBS पाठ्यक्रम के लिए उत्तीर्ण अंकों को 50 प्रतिशत से घटाकर 40 प्रतिशत तक करने के आदेश को वापस ले लिया है। आयोग ने अधिसूचना जारी कर कहा कि कट-ऑफ अंक को 40 प्रतिशत तक कम करना संभव नहीं है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, देशभर में सरकारी और डीम्ड विश्वविद्यालयों में अभी भी सैंकड़ों MBBS सीटें खाली पड़ी हैं। सीटों के आधिकारिक आंकड़ें भी जारी नहीं किए गए हैं।