हर महीने इतने रुपये कमा रहे हैं जोमेटो के डिलीवरी बॉय, कंपनी ने जारी किया डाटा
फूड डिलीवरी कंपनी जोमेटा के डिलीवरी पार्टनर की आय पहली बार 200 करोड़ रुपये को पार कर गई है। कंपनी ने बताया कि उसने अपने 2.3 लाख डिलीवरी राइडर को इस महीने 216 करोड़ रुपये दिए हैं। कंपनी के सस्थापक दीपेंद्र गोयल ने ट्विटर पर बताया कि सप्ताह में पांच दिन आठ घंटे काम करने वाले कंपनी के डिलीवरी पार्टनर हर महीने औसतन 20,000 रुपये की कमाई करते हैं। आइये इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
औसतन 9,400 रुपये कमाता है एक डिलीवरी पार्टनर
आंकड़ों के हिसाब से कंपनी का हर डिलीवरी पार्टनर हर महीने औसतन 9,400 रुपये कमाता है। ऐसे में गोयल के हर महीने डिलीवरी पार्टनर द्वारा 20,000 हजार रुपये कमाने के दावे पर सवाल भी उठ रहे हैं। गोयल ने यह दावा तब किया है जब डिलीवरी पार्टनर बाइक के फ्यूल और मेंटेनेंस का खर्च भी उठाते हैं। यह जानकारी नहीं मिली है कि कंपनी के लगभग 2.5 लाख पार्टनर्स में कितने प्रतिशत लोग हर महीने 20,000 रुपये कमा रहे हैं।
11 लाख लोगों पर सकारात्मक असर- CEO
अकसर आती हैं राइडर्स की हड़ताल की खबरें
अपने डिलीवरी पार्टनर के कारण जोमेटो अकसर चर्चा में रहती है। कई बार इनकी हड़ताल की खबरें आती रहती है। कुछ महीने पहले लुधियाना में जोमेटो के 4,000 डिलीवरी राइडर्स ने हड़ताल की थी। इनका कहना था कि कंपनी ने हर ऑर्डर पर उनको मिलने वाला कमीशन 40 रुपये से घटाकर 30 रुपये कर दिया है। राइडर्स का कहना था कि कंपनी ने उन्हें हर ऑर्डर पर 60 रुपये के कमीशन का वादा किया था।
इस महीने 10,000 राइडर्स हायर करेगी जोमेटो
घरेलू बाजार में बढ़ रही मांग को देखते हुए जोमेटो ने अपनी व्यापार को आक्रामक गति से बढ़ाने की योजना बनाई है। कंपनी का दावा है कि फिलहाल देश के 500 शहरों में उसकी पहुंच है और वह हर महीने चार करोड़ डिलीवरी कर रही है। कंपनी अपने बढ़ते व्यापार के लिए इस महीने 10,000 डिलीवरी बॉय को नौकरी देगी। बता दें कि अमेजन भी भारत में फूड डिलीवरी बिजनेस शुरू करने की योजना बना रही है।
जोमेटो 'गोल्ड' को लेकर रेस्टोरेंट्स के साथ विवाद जारी
जोमेटो के 'गोल्ड' प्लान को लेकर कंपनी का रेस्टोरेंट्स के साथ विवाद जारी है। जोमेटो ने जुलाई में इनफिनिटी डाइनिंग प्रोग्राम नाम की यह स्कीम लॉन्च की थी। इसमें कंपनी के 'गोल्ड' मेंबर्स ऐप के जरिए एक तय कीमत पर रेस्टोरेंट्स से असीमित खाना ऑर्डर कर सकते हैं। रेस्टोरेंट्स का आरोप है इससे उनके लाभ पर असर पड़ रहा है। इसे लेकर दोनों पक्षों की तरफ से बैठकें हो रही हैं, लेकिन इसका हल नहीं निकला है।