क्रेडिट स्कोर क्यों जरूरी है और कैसे होती है इसकी गणना?
क्या है खबर?
आज की तेज रफ्तार अर्थव्यवस्था में अच्छा क्रेडिट स्कोर होना बहुत जरूरी हो गया है। बैंक और लोन देने वाली कंपनियां इसी 3 अंकों के नंबर के आधार पर तय करती हैं कि किसी व्यक्ति को लोन देना सुरक्षित है या नहीं। यह स्कोर 300 से 900 के बीच होता है और जितना ऊंचा होता है, लोन मिलने की संभावना उतनी ही ज्यादा रहती है। इसलिए सही वित्तीय आदतें रखना अब पहले से ज्यादा आवश्यक माना जा रहा है।
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समय पर भुगतान करना क्रेडिट स्कोर का सबसे बड़ा आधार
क्रेडिट स्कोर बढ़ाने का पहला और सबसे जरूरी तरीका है कि सभी EMI और क्रेडिट कार्ड बिल समय पर भरे जाएं। किसी भी तरह की देरी या चूक स्कोर को तुरंत कम कर देता है। एक बार खराब रिकॉर्ड बन जाए तो यह कई सालों तक रिपोर्ट में दिखाई देता है। इसलिए कोशिश करें कि हर महीने तय समय पर भुगतान हो जाए। समय पर भुगतान न सिर्फ स्कोर बढ़ाता है, बल्कि भविष्य में लोन लेना भी आसान बनाता है।
#2
क्रेडिट लिमिट का समझदारी से उपयोग होना भी उतना ही जरूरी
क्रेडिट स्कोर तभी अच्छा रहता है जब क्रेडिट लिमिट का उपयोग संतुलित तरीके से किया जाए। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि क्रेडिट कार्ड लिमिट का कुल इस्तेमाल 30 प्रतिशत से कम रहे। ज्यादा लिमिट उपयोग करने से लगता है कि व्यक्ति आर्थिक दबाव में है और यह स्कोर को खराब कर सकता है। कई लोन एक साथ लेना, बिना जरूरत नए कार्ड लेना और लगातार इनक्वायरी कराना भी स्कोर पर नकारात्मक असर डालता है।
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अच्छा क्रेडिट मिक्स और पुरानी हिस्ट्री
क्रेडिट स्कोर बढ़ाने का एक और तरीका है कि आपके पास सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड दोनों तरह के लोन का संतुलन हो। पुरानी क्रेडिट हिस्ट्री भी बहुत फायदेमंद होती है, क्योंकि इससे आर्थिक स्थिरता का संकेत मिलता है। बार-बार नए लोन के लिए आवेदन करने से बचना चाहिए, क्योंकि ज्यादा हार्ड इनक्वायरी स्कोर गिरा देती हैं। सही व्यवहार से स्कोर बढ़ता है और भविष्य में कम ब्याज दर पर लोन मिलने की संभावना भी बेहतर हो जाती है।