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आगरा के पेठा उद्योग पर क्यों मंडरा रहा है संकट?
आगरा के पेठा उद्योग पर मंडरा रहा है संकट (तस्वीर: पिक्साबे)

आगरा के पेठा उद्योग पर क्यों मंडरा रहा है संकट?

Sep 03, 2025
02:45 pm

क्या है खबर?

उत्तर प्रदेश के आगरा का पेठा दुनियाभर में एक मशहूर मिठाई है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के कारण आगरा के पेठा उद्योग पर बड़ा संकट मंडराता नजर आ रहा है। लोकल18 की रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि ताज समलंब क्षेत्र (TTZ) में चल रही सभी पेठा निर्माण इकाइयों को बंद किया जाए। अदालत ने शहर से तीन महीने में पुनर्वास योजना पेश करने को भी कहा है।

पाबंदियां

ताज समलंब क्षेत्र की पाबंदियां

TTZ करीब 10,400 वर्ग किलोमीटर में फैला है, जिसमें ताजमहल, आगरा किला और फतेहपुर सीकरी जैसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल शामिल हैं। यह क्षेत्र 1996 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रदूषण कम करने और धरोहर स्थलों को सुरक्षित रखने के लिए तय किया गया था। यहां प्रदूषण फैलाने वाले सभी प्रकार के उद्योगों पर भी सख्त रोक है और प्राकृतिक गैस जैसी स्वच्छ ऊर्जा का इस्तेमाल अनिवार्य कर दिया गया है।

असर

छोटे कारोबारियों पर असर

अदालत के आदेश ने दशकों से इस उद्योग पर निर्भर छोटे कारोबारियों को चिंता में डाल दिया है। वहां के व्यापारियों का कहना है कि उन्होंने पहले ही कोयले की जगह LPG जैसी स्वच्छ ऊर्जा का इस्तेमाल शुरू कर दिया है, लेकिन बंदी की आशंका ने उनकी परेशानी बढ़ा दी है। उनका तर्क है कि यह व्यापार छोटे परिवारों की आजीविका का मुख्य साधन है और अगर इकाइयां बंद हुईं तो वे बेरोजगार हो जाएंगे।

चिंता

पुराने आदेश और बढ़ती चिंता

यह पहली बार नहीं है जब पेठा उद्योग पर रोक की तलवार लटकी हो। 1996 में TTZ क्षेत्र में कोयले के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया गया था और 2013 में इसे और कड़ा कर सभी प्रकार के कोयले पर रोक लगाई गई। अब नए आदेश ने खासतौर पर छोटे व्यापारियों और युवाओं की चिंता बढ़ा दी है। उनका कहना है कि बड़े कारोबारी तो विकल्प निकाल लेंगे, लेकिन छोटे हलवाई पूरी तरह बर्बाद हो जाएंगे।