
GST परिषद की बैठक शुरू: टैक्स कटौती पर होगा बड़ा फैसला, रोजमर्रा के सामान होंगे सस्ते
क्या है खबर?
आम आदमी को महंगाई से बड़ी राहत मिल सकती है। आज से GST परिषद की 2 दिवसीय बैठक दिल्ली में शुरू हो गई है। इसकी अध्यक्षता वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कर रही हैं। इसमें GST की स्लैब में कटौती को लेकर अहम फैसला लिया जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण में इसके संकेत दिए थे। उन्होंने कहा था कि इस दिवाली पर देशवासियों को एक बड़ा तोहफा मिलने वाला है।
GST
GST में अब 4 की जगह 2 टैक्स स्लैब होंगे
GST परिषद की बैठक में सबसे बड़ा फैसला टैक्स स्लैब में कटौती को लेकर हो सकता है। फिलहाल GST में 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत के 4 स्लैब हैं। इनमें से 12 और 28 प्रतिशत के स्लैब को पूरी तरह खत्म किया जा सकता है। इसके बाद केवल 5 और 18 प्रतिशत के स्लैब ही बचेंगे। इस प्रस्ताव को मंत्री समूह की बैठक में पहले ही मंजूरी मिल चुकी है।
सस्ता
कौन-कौनसे सामान होंगे सस्ते?
स्लैब कटौती के बाद कई जरूरी सामानों की कीमतें कम हो जाएंगी। खासतौर पर उनकी, जिन पर अभी 12 प्रतिशत GST लगता है। इनमें नमकीन, चिप्स, नूडल्स, जैम, केचप, जूस, घी, मक्खन, चीज और दूध से बने अन्य उत्पाद शामिल हैं। इसके अलावा AC, TV, फ्रिज, वॉशिंग मशीन और मोबाइल फोन पर भी GST की दर कम हो सकती है। छोटी कार और दोपहिया वाहन भी 28 से 18 प्रतिशत GST के दायरे में आ सकते हैं।
महंगाई
कुछ चीजें हो सकती हैं महंगी
सरकार 40 लाख रुपये तक की इलेक्ट्रिक कारों पर 18 प्रतिशत टैक्स लगा सकती है। मंत्री समूह ने 20 से 40 लाख रुपये की कीमत वाले इलेक्ट्रिक वाहनों पर GST 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत करने की सिफारिश की है। रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार नया 40 प्रतिशत टैक्स स्लैब लाने की तैयारी कर रही है। इसमें वे उत्पाद रखे जाएंगे, जो समाज के लिए नुकसानदायक माने जाते हैं। जैसे- शराब, तंबाकू, सिगरेट, शुगर ड्रिंक्स और फास्ट फूड जैसे उत्पाद।
बयान
GST परिषद की बैठक से पहले वित्त मंत्री ने क्या कहा?
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, "GST 2.0 से कारोबारियों के अनुपालन बोझ में और कमी आएगी। छोटे व्यवसायों के लिए फलना-फूलना आसान होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने अगली पीढ़ी के सुधारों के लिए एक टास्क फोर्स के गठन की घोषणा की है। इसमें विनियमों को सरल बनाने और अनुपालन लागत घटाने पर जोर दिया गया है। स्टार्टअप और MSME के लिए अधिक सक्षम तंत्र बनाने का स्पष्ट अधिकार दिया गया है। देश विकसित भारत-2047 दृष्टिकोण की ओर आगे बढ़ रहा है।"
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
2017 में GST लागू किया गया था। इसका उद्देश्य 'एक देश, एक टैक्स' के तहत वस्तुओं और सेवाओं पर लगने वाले अलग-अलग टैक्स को हटाकर उसे एक ही टैक्स के अधीन लाना था। इसके तहत वस्तुओं और सेवाओं को 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत टैक्स के दायरे में रखा गया है। इसके अलावा कुछ वस्तुओं पर विशेष टैक्स भी लगाया गया है। ज्यादा दरों को लेकर विपक्ष GST की आलोचना करता रहा है।