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लॉटरी पर 40 प्रतिशत GST का केरल में क्यों हो रहा विरोध? 
लॉटरी पर 40 प्रतिशत GST का केरल में विरोध

लॉटरी पर 40 प्रतिशत GST का केरल में क्यों हो रहा विरोध? 

Sep 04, 2025
02:24 pm

क्या है खबर?

केंद्र सरकार ने लॉटरी, सट्टा, कैसीनो, जुआ, घुड़दौड़ और ऑनलाइन गेमिंग पर GST बढ़ाकर 28 प्रतिशत से 40 प्रतिशत कर दिया है। इस फैसले की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बीते दिन (4 सितंबर) की है और नई दरें 22 सितंबर, 2025 से लागू होंगी। हालांकि, इस कदम का केरल में विरोध हो रहा है, क्योंकि राज्य लॉटरी उद्योग पर काफी हद तक निर्भर है और इसकी आमदनी से कई योजनाएं चलाई जाती हैं।

वजह

केरल का विरोध क्यों?

केरल के नेताओं और यूनियनों का कहना है कि GST दर बढ़ाने से राज्य की लॉटरी व्यवस्था बर्बाद हो सकती है। उनका तर्क है कि लॉटरी कोई लग्जरी चीज नहीं है, इसलिए इसे 40 प्रतिशत की उच्च दर में रखना अनुचित है। उन्होंने मांग की कि इसे अधिकतम 18 प्रतिशत स्लैब में रखा जाए। इसके साथ ही यह भी बताया गया है कि लॉटरी से जुड़े 2 लाख से ज्यादा विकलांग और गरीब लोग अपनी रोजी-रोटी चलाते हैं।

असर

टिकट बिक्री और योजनाओं पर असर

रिपोर्टों के मुताबिक, पहले 12 प्रतिशत से बढ़कर 28 प्रतिशत कर करने पर टिकट की कीमत 30 रुपये से बढ़कर 50 रुपये हो गई थी, जिससे बिक्री पर असर पड़ा। अब 40 प्रतिशत कर लागू होने से हालात और खराब हो सकते हैं, जिससे कल्याणकारी योजनाओं पर भी असर पड़ेगा। पेंशन, बोनस, उपचार व्यय, गर्भवती महिलाओं को सहायता और विकलांगों के लिए तिपहिया वाहन जैसी योजनाएं लॉटरी राजस्व पर निर्भर हैं।

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योगदान

केरल की लॉटरी का बड़ा योगदान

भारत की लॉटरी आय में केरल का हिस्सा करीब 97 प्रतिशत है। राज्य में हर साल लगभग 14,000 करोड़ रुपये की लॉटरी बिक्री होती है, जिसमें से लगभग 3,000 करोड़ रुपये कर के रूप में जाता है। इस पैसे से करुण्य आरोग्य सुरक्षा जैसी योजनाएं चलाई जाती हैं, जिससे लाखों परिवारों को मुफ्त इलाज मिलता है। GST बढ़ने से राज्य की वित्तीय स्थिति पर गंभीर असर पड़ सकता है और विक्रेताओं की आमदनी भी घट सकती है।

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