
कौन हैं वानिया अग्रवाल, जिन्हें विरोध के चलते माइक्रोसॉफ्ट ने नौकरी से निकाला?
क्या है खबर?
माइक्रोसॉफ्ट ने अपनी 50वीं सालगिरह के एक कार्यक्रम में विरोध करने पर 2 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है।
इनमें भारतीय-अमेरिकी वानिया अग्रवाल और इब्तिहाल अबूसाद शामिल हैं। अबूसाद ने AI प्रमुख मुस्तफा सुलेमान के भाषण में दखल दिया, जबकि अग्रवाल ने CEO सत्य नडेला और पुराने CEO से सवाल-जवाब के दौरान विरोध किया।
इसके बाद दोनों को कार्यक्रम से बाहर कर दिया गया और उनकी नौकरी खत्म कर दी गई।
पढ़ाई
कौन हैं वानिया अग्रवाल?
माइक्रोसॉफ्ट की पूर्व सॉफ्टवेयर इंजीनियर वानिया ने एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी से सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में स्नातक किया और 'सुम्मा कम लाउड' जैसे सम्मान के साथ डिग्री प्राप्त की है।
वह ग्रेस हॉपर स्कॉलरशिप पाने वाली 35 छात्रों में से एक थीं, जिससे उन्हें 2017 में खास सम्मेलन में जाने का मौका मिला।
कॉलेज के दिनों से ही वानिया टेक्नोलॉजी में रुचि रखती थीं और पढ़ाई के साथ-साथ छोटे स्तर पर काम का अनुभव भी लिया।
करियर
नौकरी से पहले के अनुभव और तकनीकी सफर
वानिया ने तकनीकी करियर शुरू करने से पहले अलग-अलग क्षेत्रों में भी काम किया। 2015 में उन्होंने एडैगियो टीज नामक कंपनी में चाय सलाहकार और सोशल मीडिया मैनेजर के रूप में काम किया।
इसके अलावा मार्च, 2016 से दिसंबर, 2017 तक वे एक मेडिकल सेंटर में रिसेप्शनिस्ट और मेडिकल असिस्टेंट भी रहीं।
बाद में उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर काम शुरू किया और तकनीक व समाजिक जिम्मेदारी पर अपने विचार भी रखती रहीं।
आरोप
इस्तीफे में माइक्रोसॉफ्ट को लेकर गंभीर आरोप
विरोध के तुरंत बाद वानिया ने इस्तीफा दे दिया और कहा कि वे ऐसी कंपनी में काम नहीं कर सकतीं, जो 'हिंसक अन्याय' में शामिल हो।
उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट को 'डिजिटल हथियार निर्माता' कहा और आरोप लगाया कि एज्योर और AI तकनीक का इस्तेमाल इजरायली सेना की कार्रवाई में हो रहा है।
उन्होंने लिखा कि माइक्रोसॉफ्ट मानवाधिकार की अपनी बातों का पालन नहीं कर रहा और तकनीक के जरिए नरसंहार जैसी घटनाएं बढ़ा रही है।
प्रतिक्रिया
विरोध का तरीका और कंपनी की प्रतिक्रिया
अबूसाद ने मंच पर सुलेमान से कहा, "आप AI को भलाई के लिए कहते हैं, लेकिन इजरायल को हथियार बेच रहे हैं,"
जिस पर सुलेमान ने शांत रहते हुए जवाब दिया, "मैं आपकी बात सुन रहा हूं।"
कंपनी ने अबूसाद को 'गलत व्यवहार' के आधार पर निकाला और दोनों के ऑफिस ईमेल व चैट अकाउंट बंद कर दिए।
ये दोनों 'नो एज्योर फॉर अपार्थाइड' समूह से जुड़े हैं, जो माइक्रोसॉफ्ट के इजरायली सेना को तकनीक बेचने का विरोध करता है।