
कौन है भारत में गिरफ्तार किया गया अमेरिका का वांछित क्रिप्टो अपराधी एलेक्सेज बेसिओकोव?
क्या है खबर?
अमेरिका में क्रिप्टो से जुड़े अपराध और धन शोधन के आरोपों में वांछित लिथुआनियाई नागरिक एलेक्सेज बेसिओकोव को केरल में गिरफ्तार कर लिया गया है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और केरल पुलिस के संयुक्त अभियान में उसे वर्कला से पकड़ा गया, जहां वह अपने परिवार के साथ छुट्टियां मना रहा था।
CBI के मुताबिक, अमेरिका के अनुरोध पर भारत के विदेश मंत्रालय ने उसकी गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी किया था।
परिचय
एलेक्सेज बेसिओकोव कौन है?
बेसिओकोव रूस में रहने वाला लिथुआनियाई नागरिक और गारंटेक्स नामक क्रिप्टो एक्सचेंज का सह-संस्थापक है। यह एक्सचेंज 2022 में अमेरिकी सरकार द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया था।
अमेरिकी न्याय विभाग के अनुसार, उसने साइबर अपराधियों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के लिए अरबों डॉलर की मनी लॉन्ड्रिंग में मदद की।
बेसिओकोव अमेरिका की मोस्ट वांटेड सूची में शामिल है और उसके सहयोगी अलेक्जेंडर मीरा सेरदा पर भी इसी तरह के आरोप हैं।
मामला
किन मामलों में है आरोपी?
बेसिओकोव पर मनी लॉन्ड्रिंग, प्रतिबंधों के उल्लंघन की साजिश और बिना लाइसेंस के मनी ट्रांसफर का संचालन करने के आरोप हैं।
CBI के अनुसार, 2021 से 2024 के बीच गारंटेक्स ने रैनसमवेयर, हैकिंग और नशीली दवाओं के व्यापार से जुड़े धन को शुद्ध किया।
अमेरिकी जांच में पाया गया कि इस एक्सचेंज ने कम से कम 96 अरब डॉलर (लगभग 5,350 अरब रुपये) के क्रिप्टो लेनदेन को संसाधित किया था।
कार्रवाई
गारंटेक्स पर अमेरिका की कार्रवाई
अमेरिका, जर्मनी और फिनलैंड की कानून एजेंसियों ने हाल ही में गारंटेक्स के सर्वर और डोमेन को जब्त कर लिया और 2.8 करोड़ डॉलर (लगभग 240 करोड़ रुपये) की क्रिप्टो संपत्ति फ्रीज कर दी।
रिपोर्ट्स के अनुसार, यह एक्सचेंज उत्तर कोरिया के लाजरस ग्रुप जैसे साइबर अपराधियों के लिए भी काम कर रहा था।
केरल पुलिस ने बताया है कि बेसिओकोव अपनी पत्नी, 2 बेटियों और 1 अन्य व्यक्ति के साथ तिरुवनंतपुरम के पास वर्कला में रह रहा था।