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क्या होता है नो-कॉस्ट EMI? जानिए इसके फायदे और नुकसान
दुकानदार और ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म इसे बड़े ऑफर के तौर पर दिखाते हैं

क्या होता है नो-कॉस्ट EMI? जानिए इसके फायदे और नुकसान

Sep 10, 2025
08:08 pm

क्या है खबर?

आजकल लोग महंगे मोबाइल फोन, टीवी, फ्रिज और लैपटॉप जैसी चीजें खरीदने में किस्तों का सहारा लेने लगे हैं। इसी वजह से क्रेडिट कार्ड से नो-कॉस्ट EMI की सुविधा ग्राहकों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही है। इस विकल्प में लोग बड़ी रकम एक बार में चुकाने के बजाय छोटे-छोटे हिस्सों में भुगतान कर सकते हैं। दुकानदार और ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म इसे बड़े ऑफर के तौर पर दिखाते हैं, जिससे ग्राहकों को खरीदारी करना आसान लगता है।

 काम 

कैसे काम करती है नो-कॉस्ट EMI?

नो-कॉस्ट EMI में ग्राहक को उत्पाद की असली कीमत किस्तों में चुकानी होती है और उस पर ब्याज नहीं लगता। उदाहरण के लिए, अगर 24,000 रुपये का मोबाइल 12 महीने की नो-कॉस्ट EMI पर लिया जाए, तो हर महीने केवल 2,000 रुपये देने होंगे। इसमें कुल रकम वही रहती है जो असल कीमत है। हालांकि, कंपनियां कई बार छूट घटाकर या ऑफर समायोजित कर इस लागत को एडजस्ट करती हैं। इसलिए ग्राहकों को इन शर्तों को समझना जरूरी होता है।

फायदा

क्या हैं नो-कॉस्ट EMI के फायदे? 

इस योजना का सबसे बड़ा फायदा यह है कि ग्राहक महंगे सामान को बिना दबाव महसूस किए खरीद सकते हैं। उन्हें एकमुश्त रकम चुकाने की चिंता नहीं करनी पड़ती। यह सुविधा खासकर युवाओं और नौकरीपेशा लोगों के लिए बेहद उपयोगी है। कई बार खास त्योहारों और ऑनलाइन सेल में कंपनियां इसे आकर्षक ऑफर के रूप में प्रस्तुत करती हैं, जिससे लोगों की पहुंच महंगे उत्पादों तक आसान हो जाती है और उनकी जरूरतें तुरंत पूरी हो जाती हैं।

नुकसान 

नुकसान भी समझना जरूरी

नो-कॉस्ट EMI जितनी आकर्षक लगती है, उतनी फायदेमंद हमेशा नहीं होती। कई बार कंपनियां असली डिस्काउंट हटाकर या अलग शुल्क जोड़कर ग्राहकों से वसूली करती हैं। कुछ मामलों में प्रोसेसिंग फीस भी लग जाती है, जिससे सामान की कीमत अप्रत्यक्ष रूप से बढ़ जाती है। इसके अलावा, समय पर किस्त न चुकाने पर पेनाल्टी भी देनी पड़ सकती है। इसलिए ग्राहक को योजना का फायदा उठाने से पहले सभी शर्तें ध्यान से पढ़नी चाहिए।