स्वास्थ्य बीमा को रिन्यू नहीं कराना पड़ सकता है भारी, जानिए नुकसान
क्या है खबर?
इलाज पर बढ़ते खर्चे को देखते हुए वर्तमान में स्वाथ्य बीमा बेहद अहम हो गया है। जब आप कोई पॉलिसी खरीदते हैं तो यह एक साल के लिए वैध होती है। इसे समाप्ति तारीख से पहले रिन्यू कराना जरूरी होता है, ताकि आपका पॉलिसी प्लान एक्टिव रहे। अगर, आप पॉलिसी को लैप्स होने से नहीं बचा पाते हैं तो इससे कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आइये जानते हैं, बीमा रिन्यू नहीं कराने पर क्या नुकसान होगा।
कवरेज
इलाज के समय नहीं मिलेगा कवरेज
कवरेज खत्म: आपको बीमा का लाभ तब ही मिलेगा, जब यह एक्टिव रहती है। समय पर रिन्यू नहीं कराने पर आप पॉलिसी में दर्ज किसी भी कवरेज का लाभ पाने के हकदार नहीं रहेंगे। इससे आपको इलाज का खर्चा अपनी जेब से करना होगा। नो क्लेम बोनस का नुकसान: आप पॉलिसी पर कोई क्लेम नहीं लेते हैं तो बीमा कंपनी आपको नो क्लेम बोनस के रूप में प्रीमियम में छूट देती है। रिन्यू नहीं कराने पर यह फायदा नहीं मिलेगा।
वेटिंग पीरियड
बढ़ जाएगा वेटिंग पीरियड
वेटिंग पीरियड में वृद्धि: बीमा कंपनियां कुछ चिकित्सीय स्थितियों के लिए क्लेम करते समय वेटिंग पीरियड लागू कर सकती हैं। जब पॉलिसी लैप्स हो जाती है तो आपके द्वारा पूरी की गई वेटिंग अवधि बेकार हो जाएगी। चिकित्सा जांच: रिन्यू नहीं कराने पर आपको दोबारा बीमा लेने से पहले चिकित्सा जांच करानी होगी। इनकम टैक्स में नुकसान: पॉलिसी पर आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80D के अंतर्गत कर कटौती मिलती है। अगर, बीमा नहीं है तो यह फायदा नहीं मिलेगा।