
सेमीकंडक्टर पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की तैयारी में ट्रंप, ये सामान होंगे महंगे
क्या है खबर?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बाहर से आने वाले सेमीकंडक्टर पर 100 प्रतिशत तक टैरिफ लगाने की तैयारी कर रहे हैं। ट्रंप ने कहा है कि जो कंपनियां अमेरिका में निर्माण नहीं करतीं, उन्हें भारी शुल्क चुकाना होगा। हालांकि, जिन कंपनियों का निर्माण अमेरिका में होता है, उन्हें टैरिफ से छूट मिलेगी। ऐपल के CEO टिम कुक से मुलाकात के दौरान ट्रंप ने यह बात ओवल ऑफिस में कही, जहां अमेरिका में निवेश को लेकर बातचीत हुई।
छूट
कुछ कंपनियों को मिलेगी छूट
ट्रंप के इस प्रस्ताव से पूरी दुनिया की तकनीकी कंपनियां प्रभावित हो सकती हैं। हालांकि, कुछ बड़ी कंपनियों को छूट दी गई है। ऐपल, सैमसंग, TSMC और एनवीडिया जैसी कंपनियों को यह लाभ मिलेगा, क्योंकि उनकी फैक्ट्री अमेरिका में मौजूद है। ट्रंप के मुताबिक, यह योजना अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए लाई जा रही है। टैरिफ का मकसद विदेशी कंपनियों को अमेरिका में निर्माण के लिए प्रेरित करना है।
असर
क्या होगा इसका असर?
विशेषज्ञों का मानना है कि चिप्स पर भारी टैरिफ का असर इलेक्ट्रॉनिक्स, मोबाइल फोन, टीवी, फ्रिज और ऑटोमोबाइल की कीमतों पर दिखेगा। इसके साथ ही कंपनियों के मुनाफे में भी गिरावट हो सकती है। इससे एशियाई देशों जैसे चीन, फिलीपींस और वियतनाम को बड़ा झटका लग सकता है, जो सेमीकंडक्टर का बड़ा निर्यात करते हैं। वहीं, अमेरिका में नई फैक्ट्रियों के निर्माण को बढ़ावा मिल सकता है, जिससे घरेलू नौकरियों में इजाफा होगा।
नीति
बाइडेन की रणनीति से अलग है ट्रंप की नीति
ट्रंप की रणनीति पूर्व राष्ट्रपति बाइडेन की नीति से बिल्कुल उलट है। बाइडेन ने 2022 में चिप्स और विज्ञान अधिनियम के तहत 4,000 अरब रुपये से अधिक की वित्तीय मदद दी थी, जिससे कंपनियों को अमेरिका में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया गया। ट्रंप का तरीका सख्ती वाला है, जहां वे छूट की बजाय टैरिफ के दबाव से निर्माण को अमेरिका में लाने की कोशिश कर रहे हैं। यह नीति अगले सप्ताह औपचारिक रूप से लागू की जा सकती है।