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सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन-आइडिया की 9,450 करोड़ रुपये AGR बकाया याचिका 13 अक्टूबर तक टाली
वोडाफोन-आइडिया की AGR बकाया याचिका 13 अक्टूबर तक टली

सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन-आइडिया की 9,450 करोड़ रुपये AGR बकाया याचिका 13 अक्टूबर तक टाली

Oct 06, 2025
03:23 pm

क्या है खबर?

सुप्रीम कोर्ट ने आज (6 सितंबर) वोडाफोन-आइडिया (Vi) के समायोजित सकल राजस्व (AGR) बकाया से जुड़ी याचिका पर सुनवाई 13 अक्टूबर तक टाल दी है। कंपनी ने दूरसंचार विभाग द्वारा 9,450 करोड़ रुपये की अतिरिक्त मांग को चुनौती दी थी। वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी कंपनी की ओर से पेश हुए, जबकि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र का प्रतिनिधित्व किया। दोनों पक्षों ने अदालत से सुनवाई को अगले सोमवार यानी 13 अक्टूबर के लिए तय करने का अनुरोध किया।

 छूट 

कंपनी ने ब्याज और जुर्माने पर छूट मांगी 

Vi ने अपने AGR बकाया पर ब्याज और जुर्माने में छूट की मांग करते हुए तर्क दिया कि विवादित राशि के घटकों को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है। कंपनी ने कहा कि उसने निर्विवाद बकाया का भुगतान पहले ही कर दिया है। जुलाई, 2024 के सुप्रीम कोर्ट फैसले का हवाला देते हुए Vi ने तर्क दिया कि उसी तरह की राहत उसके बकाया पर भी लागू होनी चाहिए।

तर्क

कंपनी और सरकार की तर्क-प्रतितर्क

कंपनी ने कहा कि आंकड़ों का मिलान और अंतिम रूप अभी बाकी है और मूल राशि स्पष्ट होने तक उसे डिफॉल्टर या जुर्माने के लिए उत्तरदायी नहीं माना जा सकता। केंद्र की ओर से कहा गया कि सरकार के पास Vi में हिस्सेदारी है, इसलिए उपभोक्ता हितों की रक्षा के लिए संतुलित समाधान जरूरी है। कंपनी ने चेतावनी दी कि देनदारी उसके अस्तित्व और हजारों कर्मचारियों की आजीविका पर असर डाल सकती है।

इतिहास

AGR विवाद का लंबा इतिहास

AGR विवाद 2019 से चल रहा है, जब सुप्रीम कोर्ट ने गैर-दूरसंचार राजस्व सहित AGR का भुगतान अनिवार्य किया। दूरसंचार विभाग ने Vi का कुल बकाया 58,254 करोड़ रुपये आंका, जबकि कंपनी का अनुमान 21,500 करोड़ रुपये था। ब्याज और जुर्माने सहित कुल देनदारी लगभग 2 लाख करोड़ रुपये है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2017 और उससे पहले की अतिरिक्त मांगों को रद्द करने और व्यापक पुनर्मूल्यांकन का आदेश देने का अनुरोध किया है।