अडाणी समूह के शेयरों की शॉर्ट सेलिंग से 12 विदेशी कंपनियों को हुआ था फायदा- रिपोर्ट
क्या है खबर?
इस साल जनवरी में अडाणी समूह पर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद शेयर बाजार में हुई भारी गिरावट को लेकर एक नया खुलासा हुआ है।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मामले की प्रारंभिक जांच में पाया कि करीब 12 विदेशी कंपनियों ने अडाणी समूह के शेयरों की शॉर्ट सेलिंग के जरिए काफी लाभ अर्जित किया था।
इन कंपनियों में टैक्स हैवन देशों में स्थित विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) और विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) भी शामिल हैं।
रिपोर्ट
ED ने अपनी जांच में क्या पाया?
ED ने अपनी जांच रिपोर्ट को जुलाई में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के साथ साझा किया था।
ED के मुताबिक, कुछ शॉर्ट सेलर्स ने कथित तौर पर 24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट प्रकाशित होने से सिर्फ 2-3 दिन पहले ही पोजीशन ली थी और कुछ सेलर्स ने पहली बार शॉर्ट पोजीशन ली।
ED ने अपनी रिपोर्ट में कुछ शॉर्ट सेलर्स की अनियमित कमाई के पैटर्न की तरफ भी इशारा किया।
रिपोर्ट
किन देशों में स्थित हैं कंपनियां?
ED के मुताबिक, 12 कंपनियों में से 3 कंपनियां भारत में आधारित हैं, जिनमें से एक विदेशी बैंक की भारतीय शाखा है।
इसके अलावा 4 कंपनियां मॉरीशस में और 1-1 कंपनी फ्रांस, हांगकांग, केमैन द्वीप, आयरलैंड और लंदन में स्थित हैं।
ED ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि किसी भी इनमें से किसी ने भी FPI और FII के आयकर विभाग के अधिकारियों के सामने अपनी स्वामित्व संरचना का खुलासा नहीं किया है।
रिपोर्ट
रिपोर्ट में और क्या कहा गया है?
रिपोर्ट के मुताबिक, जांच के दायरे में आई एक कंपनी जुलाई, 2020 में स्थापित हुई और सितंबर, 2021 तक उसकी कोई व्यावसायिक गतिविधि नहीं थी।
हालांकि, सितंबर, 2021 से मार्च, 2022 तक सिर्फ 6 महीने की छोटी अवधि में 31,000 करोड़ रुपये के कारोबार पर 1,100 करोड़ रुपये की आय का दावा किया गया।
इसके अलावा एक अन्य वैश्विक वित्तीय सेवा समूह ने एक FII के तौर पर बिना कोई टैक्स दिए 9,700 करोड़ रुपये की भारी आय अर्जित की।
जांच
ED ने विशेष समिति को भी दी थी जानकारी
बता दें कि इससे पहले भी ED ने कथित अंदरूनी व्यापार पर जुटाई गई खुफिया जानकारी सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित की गई 6 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति के साथ भी साझा की थी।
समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि ED को संभावित रूप से विशिष्ट पार्टियों द्वारा किए गए कई उल्लंघन मिले थे, जिनमें बाजारों में ठोस अस्थिरता पैदा करने के विश्वसनीय आरोप शामिल हैं और SEBI को इसकी जांच करनी चाहिए।
जानकारी
क्या होती है शॉर्ट सेलिंग?
शॉर्ट सेलर्स वे निवेशक होते हैं, जिन्हें विश्वास होता है कि शेयर की कीमतें गिरेंगी। वे ऊंची कीमत पर शेयर उधार लेते हैं और बाद में उन्हें कम कीमत पर खरीद वापस कर देते हैं। इस प्रकार पूरे लेन-देन में काफी लाभ अर्जित होता है।
मामला
न्यूजबाइट्स प्लस
अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च ने जनवरी में अपनी रिपोर्ट में उद्योगपति गौतम अडाणी पर कार्पोरेट जगत की सबसे बड़ी धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया था।
रिपोर्ट में अडाणी समूह पर मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर शेयरों की कीमत बढ़ा-चढ़ाकर बताने जैसे कई गंभीर आरोप लगाए गए थे, जिसे लेकर काफी हंगामा हुआ था।
रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट हुई थी और निवेशकों के करोड़ों रुपये डूब गए थे।