रुपये के गिरने का सिलसिला जारी, डॉलर के मुकाबले 91.08 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंचा
क्या है खबर?
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये के गिरने का सिलसिला लगातार जारी है। आज फिर रुपया गिरकर अब तक के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया। 17 दिसंबर को रुपया खुलते ही कमजोरी के साथ 91.076 के स्तर पर आ गया, जबकि पिछले कारोबारी सत्र में यह 91.032 पर बंद हुआ था। शुरुआती कारोबार में डॉलर की मजबूत मांग और वैश्विक संकेतों के चलते रुपये पर दबाव साफ दिखा है।
वजह
गिरावट की बड़ी वजहें क्या हैं?
रुपये में लगातार गिरावट के पीछे कई कारण सामने आ रहे हैं। भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। इसके अलावा, विदेशी निवेशक लगातार भारतीय बाजारों से पैसा निकाल रहे हैं और डॉलर की मजबूत मांग भी रुपये पर दबाव बढ़ा रही है। वैश्विक बाजारों में अस्थिरता और सुरक्षित निवेश की ओर बढ़ता रुझान भी रुपये की कमजोरी की बड़ी वजह बन रहा है, जिससे घरेलू मुद्रा लगातार कमजोर होती दिख रही है।
अनुमान
आगे क्या रह सकता है हाल?
मौजूदा हालात में रुपया एशियाई मुद्राओं में कमजोर प्रदर्शन करने वालों में शामिल हो गया है। इस साल रुपये में अच्छी-खासी गिरावट दर्ज की गई है, जबकि कई अन्य एशियाई मुद्राएं इससे कम कमजोर हुई हैं। बाजार में तरलता बढ़ाने के कदम जरूर उठाए गए हैं, लेकिन व्यापार सौदे को लेकर साफ संकेत न मिलने से दबाव बना रह सकता है। आने वाले दिनों में रुपये की चाल पर वैश्विक संकेत और डॉलर की मजबूती अहम भूमिका निभाएगी।