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RBI ने रेपो रेट को 5.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा, टैरिफ प्रभाव कम करेगा GST सुधार 
रेपो रेट में बदलाव नहीं

RBI ने रेपो रेट को 5.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा, टैरिफ प्रभाव कम करेगा GST सुधार 

लेखन गजेंद्र
Oct 01, 2025
10:11 am

क्या है खबर?

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया। यह 5.5 प्रतिशत पर बरकरार है। RBI गर्वनर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता में हुई मौद्रिक नीति समीति (MPC) की बैठक में यह फैसला लिया गया। केंद्रीय बैंक ने अप्रैल 2025 के बाद 6 जून को तीसरी बार रेपो रेट बदला था। जून से पहले दर 6 प्रतिशत थी। गर्वनर ने महंगाई दर नियंत्रित रहने की उम्मीद जताई है। हालांकि, टैरिफ के कारण विकास दर प्रभावित होगी।

बयान

महंगाई को लेकर RBI गर्वनर ने क्या कहा?

मल्होत्रा ने बताया कि इस वर्ष की औसत मुख्य महंगाई दर को संशोधित किया गया है, जो जून में अनुमानित 3.7 प्रतिशत और अगस्त में 3.1 प्रतिशत से घटकर 2.6 प्रतिशत हो गई है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष की चौथी तिमाही और अगले वर्ष की पहली तिमाही के लिए मुख्य मुद्रास्फीति को भी नीचे की ओर संशोधित किया गया है। प्रतिकूल असर के बावजूद यह मोटे तौर पर लक्ष्य के अनुरूप है, जिससे महंगाई नियंत्रित रहने की उम्मीद है।

विकास

टैरिफ के असर को प्रधानमंत्री मोदी के उपायों से लाभ होगा- गर्वनर

गर्वनर ने कहा कि मौजूदा वैश्विक अनिश्चितताओं और टैरिफ दूसरी छमाही और उसके बाद भी विकास दर में गिरावट ला सकता है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के GST और अन्य नीतिगत सुधार से इनको काफी संभाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि व्यापार-संबंधी अनिश्चितताएं हैं, लेकिन व्यापक आर्थिक स्थितियों और दृष्टिकोण ने विकास को अधिक समर्थन देने की नीतिगत गुंजाइश खोली है। 2025-26 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (GDP) दर पूर्व अनुमान 6.5 से बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत किया है।

रेपो रेट

क्या है रेपो रेट?

RBI जिस दर पर बैंकों को कर्ज देता है, उसे रेपो रेट कहा जाता है। दरअसल, जिस प्रकार लोग अपनी जरूरतों के लिए बैंकों से पैसा लेकर ब्याज चुकाते हैं, उसी प्रकार बैंकों को केंद्रीय बैंक यानी RBI से लोन लेना पड़ता है। इस लोन पर बैंक जिस दर से RBI को ब्याज देते हैं, उसे रेपो रेट कहा जाता है। यह अर्थव्यवस्था के सबसे अहम फैक्टर्स में से एक होती है।

असर

रेपो रेट स्थिर होने का क्या फर्क पड़ेगा?

रेपो रेट के स्थिर होने से लोगों पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा क्योंकि पहले की तिमाहियों में रेट कम हो चुके हैं। होम लोन, पर्सनल लोन और वाहन लोन लेने वाले लोगों को इससे राहत मिलेगी, क्योंकि ये न तो बढ़ेगा और न ही घटेगा। जब बैंकों को RBI से कम ब्याज दर पर कर्ज मिलेगा तो वह ग्राहकों को भी कम दर पर कर्ज देंगे। इससे लोगों को राहत ही मिलेगी।