
गूगल क्रोम खरीदने के लिए परप्लेक्सिटी ने की करीब 3,000 अरब रुपये की पेशकश
क्या है खबर?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सर्च कंपनी परप्लेक्सिटी गूगल के क्रोम वेब ब्राउजर को खरीदने की योजना बना रही है। अब कंपनी ने इसके लिए 34.5 अरब डॉलर (लगभग 3,000 अरब रुपये) की अनचाही पेशकश की है। यह कदम ऐसे समय आया है जब अमेरिकी न्याय विभाग ने गूगल को प्रतिस्पर्धा विरोधी कानून के उल्लंघन के मामले में क्रोम बेचने का सुझाव दिया है। परप्लेक्सिटी का मानना है कि यह सौदा इंटरनेट सर्च के तरीके में बड़ा बदलाव ला सकता है।
रुख
गूगल और परप्लेक्सिटी का रुख
गूगल ने इस प्रस्ताव पर टिप्पणी करने से इनकार किया है और क्रोम की बिक्री के विचार को अभूतपूर्व बताते हुए कहा कि इससे उपभोक्ताओं और सुरक्षा को नुकसान होगा। परप्लेक्सिटी का कहना है कि यदि सौदा पूरा होता है तो मौजूदा ब्राउजिंग सेटिंग्स, जिसमें गूगल डिफॉल्ट सर्च इंजन भी शामिल है, को बरकरार रखा जाएगा। कंपनी ने 100 महीनों तक समर्थन देने और क्रोमियम तकनीक में 3 अरब डॉलर (लगभग 260 अरब रुपये) निवेश करने का वादा किया है।
फायदा
इस सौदे से कंपनी को क्या फायदा होगा?
अगर परप्लेक्सिटी यह सौदा हासिल कर लेती है, तो उसे दुनिया भर में करोड़ों क्रोम यूजर्स तक सीधी पहुंच मिलेगी। इससे उसके AI-आधारित सर्च टूल का इस्तेमाल बढ़ेगा और गूगल जैसे बड़े प्रतिद्वंद्वियों से मुकाबला आसान होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम परप्लेक्सिटी की मार्केट में स्थिति को मजबूत करेगा और इंटरनेट सर्च के क्षेत्र में नए अवसर खोलेगा, जिससे कंपनी की वैश्विक पहचान भी तेजी से बढ़ सकती है।
प्रतिक्रिया
बाजार और निवेशकों की प्रतिक्रिया
वॉल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक, कई निवेशकों ने इस खरीद का समर्थन करने में रुचि दिखाई है, जिनमें बड़ी वेंचर कैपिटल कंपनियां भी शामिल हैं। परप्लेक्सिटी का यह प्रस्ताव उसके मौजूदा मूल्यांकन से लगभग दोगुना है। तकनीकी विश्लेषकों का मानना है कि नियामक दबाव के बीच यह साहसिक और रणनीतिक कदम है। गूगल के शेयरों में हल्की बढ़त देखी गई है, जबकि सौदे की सफलता और भविष्य की दिशा को लेकर बाजार में उत्सुकता बनी हुई है।