भारत में PCB उत्पादन 2030 तक 1,200 अरब रुपये तक पहुंचने की उम्मीद- रिपोर्ट
क्या है खबर?
प्रिंटेड सर्किट बोर्ड (PCB) का उत्पादन देश में बढ़ रहा है। इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ इंडिया-फीडबैक एडवाइजरी की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में PCB का घरेलू उत्पादन 2029-30 तक 14 अरब डॉलर (लगभग 1,200 अरब रुपये) तक पहुंच सकता है। यह केंद्र सरकार के लगभग 13,300 अरब रुपये के इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट निर्माण लक्ष्य का लगभग 10 प्रतिशत होगा। नीतिगत सुधार और स्थानीय मांग ने इस क्षेत्र के लिए नए अवसर खोले हैं, जो अब तक आयात पर निर्भर था।
वजह
विकास की मुख्य वजहें और सरकारी पहलें
रिपोर्ट में बताया गया कि पीसीबी क्षेत्र की वृद्धि के पीछे कई सरकारी योजनाओं का बड़ा योगदान है। मेक इन इंडिया, उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना और इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम (ECMS) जैसी पहलें उद्योग को मजबूत बना रही हैं। देश में उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग से स्थानीय निर्माण को बल मिला है। इसके साथ ही, आयातित PCB पर लगे एंटी-डंपिंग शुल्क ने घरेलू निर्माताओं को प्रतिस्पर्धा में फायदा दिया है।
परियोजनाएं
नई परियोजनाएं और निवेश में तेजी
ECMS के तहत तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश में नई परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिनमें केन्स, सिरमा और एंबर ग्रुप की यूनिट्स शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में घरेलू उत्पादन अभी 60 करोड़ डॉलर (लगभग 5,300 करोड़ रुपये) का है, लेकिन यह 27 प्रतिशत की वार्षिक दर से बढ़ रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि 2033 तक भारत का PCB बाजार लगभग 2,200 अरब रुपये तक पहुंच सकता है, जिससे रोजगार के नए अवसर बनेंगे।
भूमिका
वैश्विक स्तर पर भारत की बढ़ती भूमिका
रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि अगर भारत बड़े पैमाने पर PCB मैन्युफैक्चरिंग में निवेश करे, तो यह न केवल घरेलू जरूरतें पूरी करेगा बल्कि वैश्विक बाजार में भी अपनी जगह बना सकेगा। इससे 20,000 से अधिक प्रत्यक्ष और 75,000 अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा हो सकती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ऑटोमेशन, डिजाइन क्षमता और उत्पादन विश्वसनीयता में निवेश बढ़ाकर भारत आने वाले वर्षों में पीसीबी निर्माण का एक प्रमुख वैश्विक केंद्र बन सकता है।