
ईरान पर अमेरिकी हमले के बाद तेल कीमतों ने 5 महीने का उच्चतम स्तर छूआ
क्या है खबर?
अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर किए गए हमले के बाद तेल की कीमतों में बड़ी बढ़त देखने को मिल रही है। आज (23 जून) ब्रेंट क्रूड वायदा 2.44 प्रतिशत बढ़कर 78.89 डॉलर प्रति बैरल हो गया, जबकि अमेरिकी WTI क्रूड 2.53 प्रतिशत बढ़कर 75.71 डॉलर पर पहुंच गया। सत्र की शुरुआत में दोनों 3 प्रतिशत से ज्यादा चढ़े थे, और ब्रेंट 81.40 डॉलर तथा WTI 78.40 डॉलर के साथ 5 महीने की ऊंचाई पर पहुंच गए थे।
तनाव
ट्रंप की पुष्टि के बाद बढ़ा तनाव
तेल की कीमतों में यह तेजी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस घोषणा के बाद देखी गई, जिसमें उन्होंने कहा कि अमेरिका ने इजरायली बलों के साथ मिलकर ईरान के परमाणु ठिकानों को नष्ट कर दिया है। ट्रंप के इस बड़े बयान से मध्य पूर्व में अस्थिरता की आशंका बढ़ गई है। ईरान ने जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है, जिससे निवेशकों में बेचैनी बढ़ी है और बाजार में हलचल तेज हो गई है।
चिंता
तेल आपूर्ति में रुकावट की चिंता
ईरान ओपेक का तीसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक देश है और होर्मुज जलडमरूमध्य से भारी मात्रा में तेल गुजरता है। अब आशंका जताई जा रही है कि ईरान इस जलमार्ग को बंद कर सकता है, जिससे तेल आपूर्ति बाधित हो सकती है। प्रेस टीवी के मुताबिक, ईरान की संसद ने इस कदम को मंजूरी दे दी है। हालांकि, पहले दी गई ऐसी धमकियां कभी पूरी नहीं हुई हैं, लेकिन इस बार बाजार ज्यादा चिंतित नजर आ रहा है।
अनुमान
क्या यह उछाल टिकेगा?
13 जून से अब तक ब्रेंट क्रूड में 13 प्रतिशत और WTI में लगभग 10 प्रतिशत की बढ़त देखी गई है। विश्लेषकों का मानना है कि जब तक तेल की आपूर्ति पर कोई ठोस असर नहीं पड़ता, तब तक यह तेजी लंबे समय तक नहीं टिक सकती। मौजूदा कीमतें भू-राजनीतिक तनाव की वजह से ऊपर हैं। अगर हालात और बिगड़ते हैं, तो कीमतें और चढ़ सकती हैं, वरना धीरे-धीरे इनका असर कम हो सकता है।