
चांदी के आभूषणों में भी होगा हॉलमार्क, जानिए कब से होगा लागू
क्या है खबर?
केंद्र सरकार चांदी के आभूषणों की हॉलमार्किंग के लिए एक नया नियम लागू कर सकती है। 1 सितंबर से हॉलमार्किंग स्वैच्छिक हो सकती है, जो सोने के लिए पहले लागू प्रक्रिया के समान होगी। रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने चांदी के आभूषणों के 6 ग्रेड- 900, 800, 835, 925, 970 और 990 शुद्धता स्तर के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन्हें एक विशिष्ट 6-अंकीय हॉलमार्क विशिष्ट पहचान संख्या (HUID) के साथ हॉलमार्क किया जाएगा।
तरीका
ऐसे जांच कर पाएंगे आभूषणों की गुणवत्ता
CNBC आवाज की रिपोर्ट के अनुसार, इस नई प्रणाली का उद्देश्य वर्तमान में प्रचलित पुरानी हॉलमार्किंग पद्धतियों को बदलना है। सरकार ने इससे पहले 2021 में सोने की हॉलमार्किंग को अनिवार्य कर दिया था। चांदी की हॉलमार्किंग की शुरुआत के साथ उपभोक्ता और जौहरी चांदी के आभूषणों की शुद्धता और प्रामाणिकता के बारे में बेहतर आश्वासन की उम्मीद कर सकते हैं। उपभोक्ता BIS केयर ऐप के 'वेरिफाई HUID' फीचर का उपयोग करके हॉलमार्क वाले आभूषणों की प्रामाणिकता सत्यापित कर सकेंगे।
हॉलमार्क
क्या है हॉलमार्क?
हॉलमार्क धातु की प्रामाणिकता और गुणवत्ता की गारंटी के रूप में कार्य करता है। यह आभूषणों में कीमती धातुओं की आनुपातिक मात्रा निर्धारित करने और दर्ज करने की आधिकारिक प्रक्रिया है। भारत में BIS की हॉलमार्किंग योजना यह सुनिश्चित करती है कि आभूषण शुद्धता के कानूनी मानकों पर खरे उतरें। इससे ग्राहकों को नकली या मिलावटी आभूषण से सुरक्षा मिलती है। सोने के आभूषणों के लिए इसे शुरुआत में स्वैच्छिक किया गया था और बाद में अनिवार्य कर दिया गया।