MRF के एक शेयर की कीमत 1 लाख पार, 1993 में 11 रुपये थी वैल्यू
मद्रास रबर फैक्ट्री (MRF) टायर के स्टॉक ने मंगलवार को रिकॉर्ड बना दिया। 1 लाख रुपये प्रति शेयर की कीमत छूने वाला यह भारत का पहला स्टॉक बन गया है। MRF के शेयर आज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर 1.37 प्रतिशत के उछाल के साथ 1,00,300 रुपये पर पहुंच गए। अपने ऑल टाइम हाई लेवल को छूने के बाद इसके भाव में थोड़ी कमी आई। अब यह 1.05 प्रतिशत की मजबूती के साथ 99,976.05 रुपये पर ट्रेड कर रहा है।
1 साल में 46 प्रतिशत बढ़ा स्टॉक
पिछले साल MRF के शेयर पिछले 1 साल में 46 प्रतिशत से ज्यादा बढ़े हैं और मंगलवार को अपने लाइफटाइम हाई लेवल पर पहुंच गए हैं। इससे पहले यह स्टॉक अपने तिमाही और वार्षिक वित्तीय परिणामों के बाद 8 मई को 99,933 रुपये प्रति शेयर के अपने आल-टाइम हाई पर था। स्टॉक जनवरी, 2021 में पहली बार 90,000 के ऊपर बंद हुआ था और लगभग 2.5 साल के अंतराल में 1 लाख के रिकॉर्ड को पार कर गया।
शेयरों ने कई बार पार किया 99,000 का लेवल
MRF के शेयर ने 99,000 के लेवल को कई बार पार किया था, लेकिन 1 लाख रुपये के लेवल को नहीं छू पा रहा था। इस साल मई की शुरुआत में MRF के शेयर स्टॉक मार्केट में सिर्फ 66.50 रुपये कम रहने के कारण एक लाख रुपये का स्तर पार करने से चूक गए थे। आज नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर MRF के शेयर अपने 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर 1,00,439 पर खुले।
1993 में 11 रुपये थी 1 शेयर की कीमत
MRF के शेयरों पर नजर डालें तो अप्रैल 1993 में इसके एक शेयर की कीमत 11 रुपये थी। साल 2000 में इसके स्टॉक का भाव 1,000 रुपये प्रति शेयर पहुंचा। 2012 में इनकी कीमत 10,000 रुपये प्रति शेयर थी और 2014 में इसके स्टॉक ने 25,000 रुपये का आंकड़ा छुआ। 2016 और 2018 में इनके शेयरों की कीमत 50,000 रुपये और 75,000 रुपये तक पहुंची और अब 13 जून, 2023 को इसने रिकॉर्ड बना दिया।
टॉय बैलून से टायर तक का सफर
MRF चेन्नई स्थित कंपनी है। वर्ष 1946 में इसकी शुरुआत केएम मैमेन मपिल्लई ने टॉय बैलून बनाने से की थी। यह कंपनी टायर और कन्वेयर बेल्ट्स बनाने के अलावा स्पोर्ट्स गुड्स और मोटर स्पोर्ट्स के कारोबार में भी है। MRF विदेशों में भी टायर निर्यात करती है और अमेरिका में टायर निर्यात करने वाली पहली भारतीय कंपनी का ताज भी इसी के पास है। कंपनी के टायर का इस्तेमाल सुखोई 30 लड़ाकू विमान में भी किया गया है।