
माइक्रोसॉफ्ट ने इजरायल के साथ संबंधों के खिलाफ धरना देने वाले कर्मचारियों को नौकरी से निकाला
क्या है खबर?
टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने अपने 2 कर्मचारियों अन्ना हैटल और रिकी फेमेली को नौकरी से निकाल दिया है। कंपनी का कहना है कि दोनों ने इजरायल के साथ कंपनी के संबंधों के खिलाफ राष्ट्रपति कार्यालय में धरना देकर नीतियों और आचार संहिता का गंभीर उल्लंघन किया। धरना के दौरान पुलिस ने दोनों कर्मचारियों और उनके साथियों को गिरफ्तार भी किया था। इस घटना ने कंपनी की नीति और इजरायल से जुड़े उसके संबंधों को लेकर नई बहस छेड़ दी है।
मामला
क्या है मामला?
धरना देने वाले 7 लोगों में से 5 पूर्व कर्मचारी और बाहरी लोग थे, जबकि अन्ना और रिकी मौजूदा कर्मचारी थे। माइक्रोसॉफ्ट ने बयान जारी कर कहा कि दोनों कर्मचारियों ने कार्यकारी कार्यालयों में सेंधमारी की और नियम तोड़े। वहीं, अन्ना हैटल ने आरोप लगाया कि कंपनी इजरायल को गाजा युद्ध में मदद करने वाले उपकरण उपलब्ध करा रही है और अपने ही कर्मचारियों को इस सच्चाई से गुमराह कर रही है।
प्रतिक्रिया
कंपनी की प्रतिक्रिया और पृष्ठभूमि
कंपनी अध्यक्ष ब्रैड स्मिथ ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी का सम्मान किया जाता है, लेकिन विरोध कानूनी तरीके से होना चाहिए। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि इजरायल की सैन्य एजेंसी फिलिस्तीनियों की कॉल रिकॉर्डिंग्स को माइक्रोसॉफ्ट के एज्योर सॉफ्टवेयर में सुरक्षित कर रही थी। इससे पहले अप्रैल में भी एक कार्यक्रम के दौरान कर्मचारियों ने इजरायल के साथ संबंधों का विरोध किया था, जिसके बाद उन्हें भी नौकरी से निकाल दिया गया था।
विरोध
अन्य पहलू और विरोध
गाजा में जारी युद्ध और मानवीय संकट के बीच माइक्रोसॉफ्ट कई बार कर्मचारियों के विरोध का सामना कर चुकी है। कंपनी ने FBI और स्थानीय अधिकारियों की मदद से प्रदर्शनों पर नजर रखी और कुछ पोस्ट हटाए। 'गाजा' जैसे शब्दों वाले ईमेल को भी फ्लैग किया गया। हाल ही में रेडमंड मुख्यालय में पुलिस आदेश की अवहेलना पर 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया। गाजा में बच्चों समेत लोगों की मौतों ने वैश्विक आक्रोश को और गहरा किया है।