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ISMA ने इथेनॉल-मिश्रण प्रोग्राम किया समर्थन, भ्रामक सूचनाओं को बताया हानिकारक 
ISMA ने वाहनों में इथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल के उपयोग का समर्थन किया है (तस्वीर: अनस्प्लैश)

ISMA ने इथेनॉल-मिश्रण प्रोग्राम किया समर्थन, भ्रामक सूचनाओं को बताया हानिकारक 

Aug 09, 2025
04:12 pm

क्या है खबर?

वाहनों के इंजन पर प्रभाव को लेकर किए जा रहे भ्रामक दावों के बीच भारतीय चीनी एवं जैव-ऊर्जा निर्माता संघ (ISMA) ने देश के इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल प्रोग्राम का पुरजोर बचाव किया है। ISMA ने एक बयान में कहा कि पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिलाकर बनाए गए E20 ईंधन मिश्रण का तेल विपणन कंपनियों द्वारा कठोर परीक्षण किया गया है। ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ARAI) द्वारा इसे वाहनों के लिए पूरी तरह से अनुकूल प्रमाणित किया है।

उपयोग 

इन देशों में भी हो रहा उपयोग 

एसोसिएशन ने बताया कि ऑटोमोबाइल निर्माता पहले से ही E20 से संचालित होने वाले मॉडल बना रहे हैं। ISMA ने ब्राजील में दशकों से E20 से E100 तक इथेनॉल मिश्रणों के बिना किसी बड़ी समस्या के इस्तेमाल का जिक्र किया है। साथ ही यह भी बताया कि दक्षिण अमेरिकी देश वर्तमान में पेट्रोल में 27 प्रतिशत से ज्यादा इथेनॉल मिलाता है और 2030 तक इसे 30 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।

फायदा 

इथेनाॅल मिश्रित पेट्रोल के क्या हैं फायदे?

ISMA के महानिदेशक दीपक बल्लानी ने एक बयान में कहा, "इथेनॉल-मिश्रित ईंधन केवल एक तकनीकी विकल्प नहीं है, बल्कि यह एक राष्ट्रीय अनिवार्यता है।" उन्होंने कहा कि कठोर वैज्ञानिक प्रमाणों और दशकों के वैश्विक अनुभव द्वारा समर्थित, यह हमारे किसानों, अर्थव्यवस्था और पर्यावरण के लिए स्पष्ट लाभ प्रदान करता है। इससे कच्चे तेल का आयात कम कर सालाना 35,000-40,000 करोड़ रुपये विदेशी मुद्रा की बचत होने की भी उम्मीद है, जो खपत का 85 प्रतिशत से अधिक है।

प्रचार 

इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल के खिलाफ दुष्प्रचार को बताया हानिकारक 

एसोसिएशन ने कहा है, "इथेनॉल-मिश्रित ईंधनों के खिलाफ सोशल मीडिया पर हालिया नकारात्मक अभियान न केवल भ्रामक है, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण कार्यक्रम के लिए भी हानिकारक है।" पिछले दिनों पेट्रोलियम मंत्रालय ने भी सोशल मीडिया पर E20 फ्यूल को लेकर किए जा रहे भ्रामक प्रचार के खिलाफ स्पष्टीकरण दिया था। बता दें, 2014 में इथेनॉल मिश्रण केवल 1.53 प्रतिशत था, जो 2022 तक 10 प्रतिशत तक बढ़ गया। 2030 तक 20 प्रतिशत का लक्ष्य है।