भारतीय रुपये ने गिरावट में बनाया नया रिकॉर्ड, जानिए क्यों हुआ ऐसा
क्या है खबर?
भारतीय रुपये में गिरावट का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। इसमें हर दिन नया रिकॉर्ड कायम कर रहा है। सोमवार (15 दिसंबर) को डॉलर के मुकाबले रुपये सर्वकालिक निचले स्तर पर आ गया। शुरुआती कारोबार में भारतीय मुद्रा कमजोर होकर 90.63 प्रति डॉलर पर आ गई, जिससे इसने 12 दिसंबर को दर्ज किए गए अपने पिछले रिकॉर्ड निचले स्तर 90.55 को पार कर लिया। सालाना आधार पर इसमें लगभग 5.6 फीसदी की गिरावट आई है।
कारण
इन कारणों से आई गिरावट
जानकारों का मानना है कि रुपये पर संरचनात्मक और अल्पकालिक कारकों का मिला-जुला प्रभाव पड़ रहा है। अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को लेकर स्पष्टता की कमी ने बाजार की धारणा को कमजोर कर दिया है। साथ ही भारतीय शेयरों और बॉन्डों की लगातार विदेशी बिकवाली के चलते पूंजी प्रवाह भी कमजोर बना हुआ है। इसके अलावा बढ़ते व्यापार घाटे ने बाहरी संतुलन पर दबाव बढ़ा दिया, वहीं ट्रेडर्स ने डॉलर की मांग और आपूर्ति में असंतुलन को जिम्मेदार ठहराया।
उपाय
ट्रेडर्स ने RBI के उपाय बताए नाकाफी
रुपये में और अधिक गिरावट की आशंकाओं ने आयातकों को नुकसान से बचाव की गतिविधि बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया है, जबकि निर्यातक बाजार में डॉलर का प्रवाह बढ़ाने में सतर्क रहे हैं, जिससे अल्पकालिक तरलता में कमी आई है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल के महीनों में अस्थिरता को कम करने के लिए समय-समय पर हस्तक्षेप किया है। ट्रेडर्स का कहना है कि रुपये के 88.80 के स्तर से ऊपर जाने के बाद RBI की सक्रियता कमजोर रही।