भारतीय रुपये ने छुआ नया रिकॉर्ड निचला स्तर, डॉलर के मुकाबले 90.43 पर पहुंचा
क्या है खबर?
भारतीय रुपये में लगातार गिरावट जारी है और आज (4 दिसंबर) फिर से यह एक नए रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया है। शुरुआती कारोबार में रुपया 31 पैसे लुढ़ककर 90.43 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया, जो अब तक का सबसे कम स्तर है। बुधवार (3 दिसंबर) को भी रुपया 90 का महत्वपूर्ण स्तर तोड़ चुका था। लगातार गिरावट से आर्थिक हालात पर असर की चिंता बढ़ रही है और महंगाई बढ़ने का डर भी तेज हो गया है।
वजह
बाजार में उथल-पुथल और बाहरी दबाव से बढ़ी कमजोरी?
डॉलर की लगातार मजबूती, वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता और तेल की ऊंची कीमतों ने रुपये पर भारी दबाव बनाया है। विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार से पैसा निकाल रहे हैं, जिससे करेंसी और कमजोर हो रही है। डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ घोषणा के बाद से रुपये में 5.5 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई है। इस साल फॉरेन पोर्टफोलियो निवेशकों ने 17 अरब डॉलर से ज्यादा की निकासी की है, जिसने बाजार की स्थिति और खराब कर दी है।
अनुमान
आगे क्या असर दिख सकता है?
रुपये की गिरावट के प्रमुख कारणों में बड़ा ट्रेड घाटा, महंगे आयात, सोने-चांदी की बढ़ती कीमतें और डॉलर की बढ़ती मांग शामिल हैं। मुद्रा कमजोर होने से पेट्रोल, गाड़ियां, इलेक्ट्रॉनिक्स, विदेश पढ़ाई और टूरिज्म सब महंगा हो जाता है। हालांकि, निर्यातकों और विदेश से आने वाले पैसों को इसका फायदा मिलता है। सरकार को उम्मीद है कि अगले साल विदेशी निवेश बढ़ने से रुपये में कुछ सुधार देखा जा सकता है।