भारत की क्रिप्टो कम्युनिटी 2023 तक पहुंच जाएगी 15 करोड़ से पार, अमेरिका होगा पीछे
क्रिप्टोकरेंसी को अपनाने में भारत की क्रिप्टो कम्युनिटी अमेरिका, ब्रिटेन, रूस और जापान को पीछे छोड़ने की तैयारी में है। हाल में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत की क्रिप्टो कम्युनिटी में वर्ष 2023 के अंत तक लगभग 15 करोड़ से भी अधिक यूजर्स शामिल हो सकते हैं। एक समान और अच्छा रिटर्न न देने वाले बैंकिंग सिस्टम की कमी से कथित तौर पर शिक्षित और मध्यम वर्ग के भारतीयों फिनटेक के अन्य रास्तों की तरफ जा रहे हैं।
18-40 के हैं अधिकतर क्रिप्टो निवेशक
स्टेटिस्टा की एक हालिया रिपोर्ट अनुसार, निवेश के उद्देश्य वाले भारतीय बैंकिंग सिस्टम की जगह नए रास्ते तलाश रहे हैं। पिछले साल दिसंबर में भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंजों द्वारा शेयर की गई एनालिटिकल रिपोर्ट के अनुसार, भारत के क्रिप्टो निवेशकों में अधिकतम संख्या 18-40 आयु वर्ग वालों की है। क्रिप्टो सेक्टर से 2023 में लगभग 27,279 करोड़ रुपये का राजस्व पैदा होने की उम्मीद है। 2027 तक ये 15.49 प्रतिशत बढ़कर लगभग 48,940 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।
अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर है भारत
सबसे बड़े क्रिप्टो बाजार वाले शीर्ष 5 देशों की लिस्ट में अमेरिका के बाद भारत दूसरे नंबर पर है। जापान, ब्रिटेन और रूस लिस्ट में तीसरे, चौथे और पांचवें नंबर पर हैं। कुक्वाइन की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत में लगभग 11 करोड़ से अधिक क्रिप्टो निवेशक थे। स्टेटिस्टा की रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले 4 वर्षों में क्रिप्टो ओनर्स की संख्या में 22 प्रतिशत की वृद्धि होगी और इसके लगभग 19 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है।
दिल्ली में हैं क्रिप्टो के सबसे ज्यादा निवेशक
होल्डिंग और ट्रेडिंग के उद्देश्य से क्रिप्टोकरेंसी को अपनाने का चलन भारत की राजधानी दिल्ली में सबसे ज्यादा है। कॉइनस्विच ने दिसंबर 2022 की एक रिपोर्ट में कहा था कि भारत की सिलिकॉन वैली कहे जाने वाले बेंगलुरु में भी देश के कुल क्रिप्टो धारकों का एक महत्वपूर्ण प्रतिशत है। आर्थिक मंदी ने भारतीयों का ध्यान क्रिप्टो की तरफ मोड़ने का काम किया। 2017 और 2022 के बीच भारत में क्रिप्टो अपनाने की संख्या 760 प्रतिशत बढ़ गई थी।
क्रिप्टो सेक्टर को नियंत्रित करने के सरकार बना रही है रूपरेखा
क्रिप्टो सेक्टर को नियंत्रित करने के लिए भारत सरकार रूपरेखा तैयार करने पर काम कर रही है। दरअसल, क्रिप्टो सेक्टर में वित्तीय लेन-देन काफी हद तक गुप्त हैं और मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए इसका दुरुपयोग किया जा सकता है। बीते 8 मार्च को भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रिप्टो अपराध को कंट्रोल करने के लिए क्रिप्टो ट्रेड एक्टिविटीज पर एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग कानूनों को लागू किया था।