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GST सुधार से भारत की GDP वृद्धि दर का अनुमान 6.7 प्रतिशत तक बढ़ा
भारत की GDP वृद्धि दर का अनुमान बढ़ा

GST सुधार से भारत की GDP वृद्धि दर का अनुमान 6.7 प्रतिशत तक बढ़ा

Sep 29, 2025
01:32 pm

क्या है खबर?

केंद्र सरकार ने हाल ही में GST दरों में बड़े स्तर पर बदलाव किया है, जिसका असर देश की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) पर देखने को मिल सकता है। अकाउंटिंग कंपनी EY की रिपोर्ट के अनुसार, EY ने वित्त वर्ष 26 के लिए भारत की वास्तविक GST वृद्धि दर का अनुमान 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया है। कंपनी ने कहा कि यह अनुमान GST 2.0 सुधारों, मौद्रिक ढील और मजबूत घरेलू मांग की उम्मीद पर आधारित है।

राहत

GST 2.0 से आर्थिक राहत

EY की इकोनॉमी वॉच रिपोर्ट के सितंबर संस्करण में बताया गया कि GST 2.0 सुधारों से घरेलू मांग और आय में बढ़ोतरी की संभावना है। EY इंडिया के मुख्य नीति सलाहकार डीके श्रीवास्तव ने कहा कि व्यापार विविधीकरण और तकनीकी निवेश से देश की विकास दर मजबूत बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि लक्षित नीतियां इन सुधारों को लंबे समय के आर्थिक लाभ में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।

बदलाव

दर संरचना में बड़े बदलाव

नई GST प्रणाली में दरों को 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की 2 स्लैब में समेटा गया है, जबकि 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत की श्रेणियों को समाप्त किया गया है। 40 प्रतिशत की विशेष दर जारी रहेगी। EY का कहना है कि इन बदलावों से कपड़ा, ऑटोमोबाइल, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, स्वास्थ्य सेवा और खाद्य उत्पाद जैसे रोजगार क्षेत्रों में कीमतें कम होंगी। कृषि और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों में इनपुट लागत घटने से उत्पादन सस्ता हो सकता है।

बढ़ोतरी 

घरेलू मांग और खपत में बढ़ोतरी 

रिपोर्ट में कहा गया कि GST सुधारों से घरेलू बजट पर दबाव कम होगा और खपत को बढ़ावा मिलेगा। इससे अल्पकालिक राजस्व में होने वाली कमी की भरपाई भी संभव है। EY ने अनुमान लगाया कि उर्वरक, कृषि-मशीनरी और अन्य कृषि-संबंधित उद्योगों को भी कम इनपुट लागत का सीधा लाभ मिलेगा। इन सुधारों के कारण आने वाले समय में देश में रोजगार और उत्पादन दोनों में सकारात्मक असर देखने को मिलेगा।

चुनौतियां

वैश्विक व्यापार में चुनौतियां

भारत की निर्यात संभावनाओं पर शुल्क संबंधी अनिश्चितताओं और आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान का खतरा है। अमेरिका और चीन पर अधिक निर्भरता को कम करने के लिए ब्रिक्स+ देशों से व्यापारिक जुड़ाव बढ़ाने की सलाह दी गई है। सरकार ने 2030 तक अमेरिका के साथ 500 अरब डॉलर (लगभग 44,300 अरब रुपये) का द्विपक्षीय व्यापार लक्ष्य तय किया है, जिसके लिए सेवा निर्यात, कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस और रक्षा आयात में हर साल लगभग 20 प्रतिशत वृद्धि जरूरी होगी।