भारत की व्यावसायिक गतिविधि नवंबर में 6 महीने के निचले स्तर पर
क्या है खबर?
भारत की व्यावसायिक गतिविधि नवंबर महीने में 6 महीने में सबसे धीमी रही। शुरुआती आंकड़ों के अनुसार, HSBC इंडिया कंपोजिट PMI आउटपुट इंडेक्स घटकर 59.9 पर आ गया, जो जून के बाद पहली बार 60 से नीचे आया है। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर 9 महीने के निचले स्तर 57.4 पर पहुंच गया, जबकि सर्विसेज सेक्टर 58.9 से बढ़कर 59.5 पर पहुंचा। यह गिरावट बताती है कि आर्थिक रफ्तार पिछले महीनों की तुलना में धीमी हुई है।
वजह
मैन्युफैक्चरिंग और नए ऑर्डर्स में कमी मुख्य वजह
HSBC की चीफ इंडिया इकोनॉमिस्ट प्रांजुल भंडारी ने कहा कि नवंबर में मैन्युफैक्चरिंग PMI में गिरावट देखी गई, लेकिन ऑपरेटिंग कंडीशन में सुधार ठीक रहा। नए एक्सपोर्ट ऑर्डर्स में बढ़ोतरी अक्टूबर जितनी ही रही, लेकिन कुल नए ऑर्डर्स कम आए। इससे संकेत मिलता है कि GST से मिली गति अब अपने चरम पर पहुंच चुकी है। लागत दबाव भी कम हुआ है और कई कंपनियों ने कीमतें घटाई हैं, जिससे उत्पादन की रफ्तार धीमी पड़ी है।
PMI
लगातार तीसरे महीने PMI में गिरावट दर्ज
अगस्त में कंपोजिट PMI 63.2 के रिकॉर्ड स्तर पर था, लेकिन इसके बाद लगातार तीन महीने गिरावट हुई है। इस रफ्तार में कमी ऐसे समय में आई है जब वैश्विक आर्थिक माहौल कमजोर है और विदेशी ऑर्डर पहले की तरह नहीं मिल रहे। ग्लोबल अनिश्चितताओं का असर भारत की इकॉनमी पर भी दिख रहा है। ऑर्डर फ्लो घटने से कंपनियां उत्पादन धीमा कर रही हैं, जिससे समग्र आर्थिक गति पर असर पड़ा है।
अन्य
आने वाले महीनों में और धीमी रह सकती है ग्रोथ
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का अनुमान है कि अक्टूबर से दिसंबर वाली तिमाही में GDP ग्रोथ घटकर 6.4 प्रतिशत रह सकती है और FY26 की आखिरी तिमाही में यह और कम हो सकती है। पहली तिमाही में 7.8 प्रतिशत की तेज वृद्धि के बाद दूसरी तिमाही में भी सुस्ती रहने की उम्मीद है। Q2 FY26 के ऑफिशियल GDP आंकड़े 28 नवंबर को आएंगे, जिनसे घरेलू मांग, त्योहारों की खरीदारी और एक्सपोर्ट ऑर्डर्स के वास्तविक प्रभाव का पता चलेगा।