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रुपये का कमजोर होना कैसे आम आदमी के जेब पर डालता है असर?
रुपया कमजोर होने से आम लोगों में बढ़ी चिंता

रुपये का कमजोर होना कैसे आम आदमी के जेब पर डालता है असर?

Dec 03, 2025
05:34 pm

क्या है खबर?

भारतीय रुपया इन दिनों रिकॉर्ड स्तर तक कमजोर हो गया है और 90 रुपये प्रति डॉलर के पार चला गया है। रुपये में लगातार गिरावट आम लोगों के लिए चिंता का विषय बन गई है, क्योंकि डॉलर महंगा होने का असर सीधे सामानों की कीमतों और रोजमर्रा के खर्चों पर पड़ता है। जब भी रुपया कमजोर होता है, देश के आयात बिल बढ़ते हैं और कई चीजें पहले से ज्यादा महंगी होने लगती हैं।

असर

आयात महंगा होने से रोजमर्रा की चीजों पर असर

रुपया गिरने का सीधा असर आयातित सामान की कीमतों पर पड़ता है। भारत कच्चा तेल, गैस, इलेक्ट्रॉनिक्स, मोबाइल, दवाइयां और कई खाद्य पदार्थ विदेशों से खरीदता है। डॉलर महंगा होने पर इन सब चीजों की कीमत बढ़ जाती है और आम आदमी को पेट्रोल, डीजल, गैस सिलिंडर, मोबाइल फोन और गाड़ियों पर ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ता है। इससे घरेलू बजट पर दबाव बढ़ता है और सेवाओं की कीमतें भी बढ़ती हैं।

अन्य 

विदेश यात्रा, पढ़ाई और लोन भी हो जाते हैं महंगे

रुपया कमजोर होने से विदेश यात्रा, विदेश में पढ़ाई और अंतरराष्ट्रीय फीस तुरंत महंगी हो जाती है। एयर टिकट, होटल और हर खर्च डॉलर में होने के कारण ज्यादा रुपये देने पड़ते हैं। इसके अलावा, जिन लोगों ने डॉलर-बेस्ड लोन या विदेश से जुड़ी सेवाएं ले रखी हैं, उनकी EMI तक बढ़ जाती है। वहीं निर्यातकों को थोड़ा फायदा मिलता है, लेकिन उसका असर आम उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंचता है।

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वजह

आखिर क्यों लगातार गिर रहा है भारतीय रुपया?

रुपये पर दबाव कई वजहों से बना हुआ है। विदेशी निवेशक भारी मात्रा में भारतीय शेयर बेच रहे हैं, जिससे डॉलर की मांग बढ़ रही है। भारत-अमेरिका ट्रेड डील में अनिश्चितता और बढ़ता व्यापार घाटा भी रुपये को कमजोर कर रहे हैं। सोने के आयात में तेज बढ़ोतरी से देश का डॉलर खर्च बढ़ गया है। एशियाई करेंसी पर ग्लोबल दबाव और मजबूत अमेरिकी डॉलर ने रुपये की गिरावट को और तेज कर दिया है।

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