
GST दरों में बदलाव से सरकार को राजस्व में कितना नुकसान होगा?
क्या है खबर?
केंद्र सरकार ने GST प्रणाली को और सरल बनाने के लिए बड़े स्तर पर बदलाव किए हैं। 56वीं GST परिषद की बैठक में 4 स्लैब को घटाकर केवल 2 कर दिया गया है। अब वस्तुओं और सेवाओं पर 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दर लागू होगी। इसके अलावा, महंगी कारों, तंबाकू और सिगरेट जैसी चुनिंदा वस्तुओं पर 40 प्रतिशत का विशेष कर प्रस्तावित किया गया है। नई दरें 22 सितंबर से लागू होंगी, जिससे उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी।
नुकसान
कितना हो सकता है नुकसान?
GST दरों में कटौती का सीधा असर सरकार की कमाई पर पड़ सकता है। राजस्व सचिव अरविंद श्रीवास्तव ने कहा कि 2023-24 के उपभोग आधार पर यह बदलाव करीब 48,000 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान दिखा सकता है। हालांकि, उन्होंने साफ किया कि यह केवल अनुमान है और वास्तविक असर अलग हो सकता है। दरों में कटौती से उपभोग बढ़ने की संभावना है, जिससे भविष्य में राजस्व की भरपाई हो सकती है।
लाभ
उपभोक्ताओं और उद्योग को लाभ
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि परिषद के सभी फैसले सर्वसम्मति से लिए गए हैं और किसी राज्य ने विरोध नहीं किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि कंपनियां कम GST का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाएंगी, जिससे सामान और सेवाएं सस्ती होंगी और मांग भी बढ़ेगी। सीतारमण ने कहा कि यह सुधार GDP पर सकारात्मक असर डालेगा। उद्योग जगत ने भी उपभोक्ताओं को इस राहत का लाभ पहुंचाने का भरोसा दिलाया है।