गूगल भारत में देगी 135 करोड़ रुपये का अनुदान, AI के क्षेत्र में होगा उपयोग
क्या है खबर?
गूगल ने आज (16 दिसंबर) भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से जुड़े रिसर्च, डेवलपर्स और स्टार्टअप्स के लिए करीब 1.5 करोड़ डॉलर (लगभग 135 करोड़ रुपये) की अनुदान का ऐलान किया है। कंपनी का ध्यान हेल्थकेयर, एग्रीकल्चर और सस्टेनेबिलिटी जैसे सेक्टर पर रहेगा। इसका मकसद AI के जरिए सामाजिक जरूरतों को पूरा करना और देश में टेक्नोलॉजी आधारित समाधान को आगे बढ़ाना है। गूगल का कहना है कि यह सहयोग भारत के AI इकोसिस्टम को नई ताकत देगा।
AI
AI सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस को मिलेगी मदद
गूगल की परोपकारी शाखा गूगल ऑर्गनाइजेशन सरकार के AI सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस को सपोर्ट करने के लिए 80 लाख डॉलर (70 करोड़ रुपये) देगी। इनमें IISc बेंगलुरु, IIT-कानपुर, IIT-मद्रास और IIT-रोपड़ शामिल हैं। ये संस्थान हेल्थकेयर, शिक्षा, शहरी गवर्नेंस और खेती से जुड़े AI समाधान पर काम करेंगे। इन सेंटर्स का लक्ष्य देश की जरूरतों के हिसाब से उपयोगी और जिम्मेदार AI तकनीक विकसित करना है, जिससे आम लोगों को सीधा फायदा मिल सके।
हेल्थ
इंडिक भाषाओं और हेल्थ AI पर फोकस
गूगल IIT-बॉम्बे में इंडिक लैंग्वेज टेक्नोलॉजी के लिए नया रिसर्च हब बनाने के लिए 20 लाख डॉलर (लगभग 18 करोड़ रुपये) देगा। इसके अलावा, हेल्थ सेक्टर के लिए AI मॉडल विकसित करने पर भी काम होगा। कंपनी एम्स और स्टार्टअप्स के साथ मिलकर त्वचा रोग और OPD ट्राइएज जैसे मामलों में भारत-केंद्रित AI समाधान तैयार करेगी। इसका उद्देश्य डॉक्टरों की मदद करना, मरीजों के इलाज को बेहतर बनाना और हेल्थ सिस्टम को अधिक प्रभावी बनाना है।
स्टार्टअप
स्टार्टअप, किसान और सस्टेनेबिलिटी को समर्थन
गूगल गनानी गनानी.AI, कोरोवर.AI और वाधवानी AI जैसे स्टार्टअप्स को भी फंडिंग दे रहा है। ये कंपनियां भारतीय भाषाओं में AI टूल्स तैयार कर रही हैं, जो किसानों, आशा और आंगनवाड़ी वर्कर्स की मदद करेंगे। इसके साथ ही गूगल ने राजस्थान में 150 मेगावाट के सोलर प्रोजेक्ट के लिए साझेदारी की है। कंपनी का कहना है कि इन पहलों से डिजिटल इंडिया, क्लीन एनर्जी और सामाजिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।