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गूगल को अदालत से मिली बड़ी राहत, क्रोम बेचने के लिए नहीं होना पड़ेगा मजबूर
गूगल को अदालत से मिली बड़ी राहत (तस्वीर: अनस्प्लैश)

गूगल को अदालत से मिली बड़ी राहत, क्रोम बेचने के लिए नहीं होना पड़ेगा मजबूर

Sep 03, 2025
08:53 am

क्या है खबर?

टेक दिग्गज कंपनी गूगल को अब क्रोम वेब ब्राउजर को बेचने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा। अमेरिकी संघीय न्यायाधीश अमित मेहता ने मंगलवार (2 सितंबर) को यह फैसला सुनाया। उन्होंने कहा कि गूगल अपने ब्राउजर को रख सकती है, लेकिन डिवाइस निर्माताओं के साथ विशेष सौदे नहीं कर पाएगी। इसके अलावा, गूगल को अपने सर्च इंजन का डाटा प्रतिस्पर्धियों के साथ साझा करना होगा, ताकि बाजार में बराबरी की प्रतिस्पर्धा बनी रहे।

मामला

क्या है पूरा मामला?

यह मामला 2023 में शुरू हुआ था जब अभियोजकों ने गूगल पर प्रतिस्पर्धा-विरोधी कानून तोड़ने का आरोप लगाया गया। पिछले साल अदालत ने माना था कि गूगल ने ऑनलाइन सर्च बाजार में एकाधिकार बनाकर प्रतिस्पर्धा-विरोधी कानूनों का उल्लंघन किया। अभियोजकों का आरोप था कि गूगल ने सैमसंग और ऐपल जैसी कंपनियों को अरबों डॉलर देकर अपने सर्च इंजन को डिफॉल्ट विकल्प बनाया। इसी कारण कंपनी अमेरिकी सर्च बाजार के लगभग 90 प्रतिशत हिस्से पर कब्जा करने में सफल रही।

 फैसला 

कोर्ट ने क्या कहा?

न्यायाधीश मेहता ने अभियोजकों की मांग को अतिशयोक्ति बताते हुए कहा कि गूगल से उसका ब्राउजर या सर्च इंजन छीनना सही उपाय नहीं होगा। उन्होंने फैसला सुनाया कि गूगल क्रोम, गूगल असिस्टेंट और जेमिनी ऐप जैसे उत्पादों के लिए विशेष अनुबंध नहीं कर पाएगा। हालांकि, गूगल वितरकों को भुगतान कर सकता है। फैसले के बाद गूगल के शेयरों में तेजी आई, जिससे निवेशकों ने इसे कंपनी के पक्ष में माना।

आलोचना 

आलोचना और आगे की कार्रवाई 

इस फैसले पर अमेरिकन इकोनॉमिक लिबर्टीज प्रोजेक्ट नामक समूह ने नाराजगी जताई और इसे पूरी तरह विफल बताया। समूह ने कहा कि गूगल को एकाधिकार का दोषी मानकर भी उस पर सख्त कार्रवाई नहीं की गई। अदालत ने यह भी माना कि अब इंटरनेट सर्च उद्योग में AI सर्च इंजन और चैटबॉट जैसे नए बदलाव आए हैं। गूगल को इस साल के अंत में ऑनलाइन विज्ञापन तकनीक से जुड़े एक और मामले का सामना करना होगा।