भारत में तेजी से बढ़ रही गोल्ड लोन की मांग, खुलेंगी 3,000 नई ब्रांच
क्या है खबर?
भारत में गोल्ड लोन की मांग लगातार बढ़ रही है। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, नॉन-बैंकिंग लेंडर्स अगले साल करीब 3,000 नई ब्रांच खोलने की तैयारी में हैं। यह इस इंडस्ट्री का अब तक का सबसे बड़ा विस्तार माना जा रहा है। सितंबर तक गोल्ड लोन मार्केट सालाना 36 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़कर लगभग 14.5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जिससे कंपनियां तेजी से नए आउटलेट खोलना चाहती हैं।
मांग
बढ़ती जरूरतों से लोन की मांग और तेज हुई
कई लेंडर्स का कहना है कि अनसिक्योर्ड माइक्रोफाइनेंस लोन की सख्त शर्तों के कारण किसान और छोटे व्यापारी गोल्ड लोन की तरफ बढ़ रहे हैं। सोने की बढ़ती कीमतों ने भी ग्राहकों की लोन लेने की क्षमता बढ़ाई है। ICRA के अनुसार, यह मार्केट FY26 में पंद्रह लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। कई बड़ी कंपनियां सैकड़ों नई ब्रांच खोल रही हैं, जिससे अलग-अलग शहरों में इस सेवा की पहुंच बढ़ रही है।
नेटवर्क
बड़े खिलाड़ी तेजी से बढ़ा रहे हैं नेटवर्क
मुथूट फाइनेंस, मुथूट फिनकॉर्प, बजाज फाइनेंस और IIFL फाइनेंस जैसे बड़े प्लेयर मिलकर करीब 1,800 नई ब्रांच खोलने की योजना बना रहे हैं। कई कंपनियां पहले साल में ही 100 से अधिक गोल्ड लोन आउटलेट शुरू करने का लक्ष्य रखती हैं। माइक्रोफाइनेंस कंपनियां भी अब जोखिम कम करने के लिए ज्वेलरी-बैक्ड लोन में उतर रही हैं। इंडस्ट्री के विशेषज्ञों का कहना है कि गोल्ड लोन अब मेनस्ट्रीम और भरोसेमंद प्रोडक्ट बन गया है।
सुरक्षा ढांचा
सुरक्षा ढांचा मजबूत और विकास की उम्मीद ज्यादा
गोल्ड लोन ब्रांच खोलने के लिए स्ट्रॉन्ग रूम, वॉल्ट और CCTV जैसे सुरक्षा इंतजाम जरूरी होते हैं, जिन पर 8-20 लाख रुपये तक खर्च आता है। इंडस्ट्री का कहना है कि नई ब्रांच आमतौर पर 2 साल में खर्च निकाल लेती हैं। ICRA के अनुसार, NBFCs के गोल्ड लोन 2026 तक 30-35 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ सकते हैं। पब्लिक सेक्टर बैंक इस मार्केट में आगे हैं और खेती से जुड़े लोन में उनकी पकड़ मजबूत बनी हुई है।