
जेनसोल लीज पर देगी अपनी इलेक्ट्रिक कारें, जानिए क्यों उठाया यह कदम
क्या है खबर?
जेनसोल इंजीनियरिंग अपने बेड़े में शामिल इलेक्ट्रिक कारों को अब लीज पर देगी। इसके लिए उसने विज्ञापन जारी कर बोलियां आमंत्रित की हैं। कंपनी ने कहा, "ये कारें एक निश्चित मासिक लीज रेंटल और मामूली डाउन पेमेंट पर उपलब्ध हैं।" विज्ञापन के अनुसार, दिल्ली NCR और बेंगलुरु में लगभग 4,000 पुरानी इलेक्ट्रिक गाड़ियां लीज पर उपलब्ध हैं। कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (CIRP) से गुजर रही जेनसोल ने यह निर्णय ब्लूस्मार्ट की सर्विस बंद करने के बाद उठाया है।
तैयारियां
ये कंपनियां लगा सकती हैं बोली
इन इलेक्ट्रिक कारों को जेनसोल इंजीनियरिंग ने संबंधित संस्था ब्लूस्मार्ट मोबिलिटी को पट्टे पर दिया था, जिसकी स्थापना 2019 में टिकाऊ शहरी परिवहन प्रदान करने के लिए की गई थी। जेनसोल प्रकरण के बाद ब्लूस्मार्ट की परेशानियों के बाद कई अन्य कंपनियां इस क्षेत्र को भरने के लिए तैयार हैं। प्रमुख शहरों में EV कैब चलाने वाली कुछ कंपनियां- एवरा कैब्स, उबर इलेक्ट्रिक और एवरेस्ट फ्लीट जेनसोल इंजीनियरिंग की कैब्स के पट्टे के लिए बोली लगा सकती हैं।
खर्चा
गाड़ियों में हो सकती है रखरखाव की जरूरत
मोबिलिटी व्यवसाय से जुड़े एक अनुभवी व्यक्ति ने कहा, "शहरी मोबिलिटी में EV कैब के लिए पर्याप्त जगह है, क्योंकि जागरूक ग्राहक इन्हें पसंद करते हैं और ज्यादा दाम देने को तैयार रहते हैं।" उन्होंने आगे कहा, "ऐसी कैब के लिए एक मजबूत बाजार है, लेकिन यह वाहनों की स्थिति पर भी निर्भर करेगा, क्योंकि ब्लूस्मार्ट का संचालन अप्रैल से ही बंद है, इसलिए जेनसोल के EV बेड़े को रखरखाव की जरूरत पड़ सकती है, खासकर बैटरी की।"
परेशानी
इस कारण परेशानी में है कंपनी
जेनसोल इंजीनियरिंग के प्रवर्तकों के खिलाफ भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की कार्रवाई के बाद ब्लूस्मार्ट का परिचालन निलंबित कर दिया था। बाजार नियामक SEBI ने 15 अप्रैल को जेनसोल इंजीनियरिंग के खिलाफ एक अंतरिम आदेश पारित किया था, जिसमें कंपनी और प्रवर्तकों को प्रतिभूति बाजार में प्रवेश करने से रोक दिया था। साथ ही, प्रवर्तक अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी को कंपनी के बोर्ड से इस्तीफा देने का भी निर्देश दिया था।