अमेरिकी टैरिफ के दबाव के बीच भी इस बड़े क्षेत्र में दिख रही मजबूती
क्या है खबर?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए भारी टैरिफ के दबाव के बावजूद भारत का रत्न और आभूषण क्षेत्र मजबूती दिखा रहा है। अगस्त में अमेरिकी बाजार में भारतीय सामानों पर करीब 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया गया था, जिसे बड़ा झटका माना गया। यह फैसला ऐसे समय आया जब भारत मैन्युफैक्चरिंग और निर्यात के दम पर खुद को वैश्विक उत्पादन केंद्र बनाने की रणनीति पर काम कर रहा था।
चिंताएं
निर्भरता और शुरुआती चिंताएं
रत्न और आभूषण क्षेत्र पर सबसे ज्यादा असर की आशंका थी, क्योंकि यह अमेरिकी बाजार पर काफी निर्भर है और निर्यात का बड़ा हिस्सा वहीं जाता है। साल 2023-24 में अमेरिका को लगभग 900 अरब रुपये का निर्यात हुआ था। यह सेक्टर सूरत, मुंबई और जयपुर जैसे शहरों में बड़ी संख्या में रोजगार देता है और स्थानीय अर्थव्यवस्था को सहारा देता है। भारी टैरिफ से ऑर्डर घटने, नौकरियां जाने और प्रतिस्पर्धा कमजोर होने का डर बढ़ गया था।
संकेत
नवंबर के आंकड़ों से राहत के संकेत
हालिया आंकड़े बताते हैं कि सेक्टर उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। नवंबर, 2025 में रत्न और आभूषण निर्यात बढ़कर करीब 2.5 अरब डॉलर (लगभग 220 अरब रुपये ) पहुंच गया, जो सालाना आधार पर लगभग 20 प्रतिशत अधिक है। हालांकि, अप्रैल से नवंबर के बीच कुल निर्यात लगभग स्थिर रहा है। इससे संकेत मिलता है कि नवंबर मजबूत रहा, लेकिन पूरे साल में लगातार सुधार अभी देखना बाकी है।
भविष्य
विविधीकरण और आगे की राह
उद्योग अब अमेरिका के अलावा अन्य बाजारों पर ध्यान बढ़ा रहा है। हांगकांग, चीन, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और मिडिल ईस्ट से मांग में सुधार दिख रहा है। सीफूड सेक्टर की तरह जेम्स और ज्वेलरी में भी बाजारों में विविधता लाई जा रही है। केंद्र सरकार के सहयोग और नए बाजारों की तलाश से उम्मीद बनी है, लेकिन यह बदलाव स्थायी होगा या नहीं, यह आने वाली तिमाहियों में साफ होगा।