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नए श्रम नियम लागू होने के बाद महंगी होगी फूड डिलीवरी, जानिए क्या है वजह 
जोमैटो और स्विगी पर फूड डिलीवरी महंगा हो सकता है

नए श्रम नियम लागू होने के बाद महंगी होगी फूड डिलीवरी, जानिए क्या है वजह 

Nov 24, 2025
07:18 pm

क्या है खबर?

देश में लागू हुए नए श्रम कानून के बाद फूड डिलीवरी फीस में बढ़ोतरी होने की आशंका जताई जा रही है। स्विगी और इटरनल (जोमैटो) ने स्टॉक एक्सचेंजों को आश्वस्त किया है कि इससे उनके व्यावसायिक परिदृश्य में कोई खास बदलाव नहीं लाएंगी। कंपनियों ने यह बयान सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 (CoSS) के जवाब में दिया है। दूसरी तरफ विश्लेषकों का अनुमान है कि अनिवार्य योगदान से फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स क्षेत्रों की परिचालन लागत बढ़ सकती है।

बढ़ोतरी 

कितनी हो सकती है वृद्धि?

CoSS के तहत प्लेटफॉर्म को अपने वार्षिक कारोबार का 1-2 फीसदी और गिग वर्कर्स (अस्थायी कर्मचारी) को दिए जाने वाले भुगतान का अधिकतम 5 फीसदी एक समर्पित कल्याण कोष में जमा करना अनिवार्य है। विश्लेषकों का अनुमान है कि इस शुल्क से प्रति ऑर्डर लागत में 2-3 रुपये की वृद्धि हो सकती है। इससे स्विगी और इटरनल दोनों के वार्षिक खर्च में अरबों रुपये का इजाफा हो सकता है। यह बोझ सीधे ग्राहकों पर पड़ने की संभावना है।

बोझ 

कंपनियों पर कितना पड़ेगा बोझ?

JM फाइनेंशियल का अनुमान है कि इस शुल्क से फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स के लिए प्रति ऑर्डर 2.1-2.5 रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। वित्त वर्ष 2026 में इटरनल के लिए 4.3 अरब रुपये और स्विगी के लिए 2.6 अरब रुपये अतिरिक्त खर्चा हो सकता है। यह योगदान 18 महीनों में मूल्य वृद्धि के 13-15 रुपये के प्लेटफॉर्म शुल्क, छोटे ऑर्डर शुल्क, पीक-ऑवर और सर्ज शुल्क और हाइपरलोकल डिलीवरी के लिए GST में बदलाव के अतिरिक्त है।