कार लोन के आवेदन से क्या क्रेडिट स्कोर पर पड़ता है बुरा असर?
क्या है खबर?
ऑटो की मांग बढ़ने के साथ ही लोग तेजी से कार लोन लेने की तरफ बढ़ रहे हैं। ऐसे में यह समझना ज़रूरी है कि क्या लोन के लिए आवेदन करने से क्रेडिट स्कोर पर असर पड़ता है। विशेषज्ञों के अनुसार, कार लोन एप्लीकेशन के दौरान क्रेडिट हिस्ट्री की जांच की जाती है, जिससे स्कोर पर हल्का प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए लोन लेने से पहले इसके फायदे और नुकसान समझना जरूरी है, ताकि सही वित्तीय निर्णय लिया जा सके।
शुरुआती असर
क्रेडिट प्रोफाइल की जांच और शुरुआती असर
देश में CIBIL, एक्सपीरियन, इक्विफैक्स और CRIF हाई मार्क जैसे 4 प्रमुख क्रेडिट ब्यूरो हैं, जो 300 से 900 तक स्कोर देते हैं। 750 से ऊपर का स्कोर भरोसेमंद माना जाता है। जब कोई व्यक्ति कार लोन के लिए आवेदन करता है, तो बैंक 'हार्ड इंक्वायरी' करते हैं, जिससे स्कोर कुछ समय के लिए थोड़ा घट सकता है। नया लोन जुड़ने से क्रेडिट एक्सपोजर बढ़ता है, जिसका भी स्कोर पर सीमित असर पड़ता है।
सुधार
समय पर EMI चुकाने से स्कोर में सुधार
कभी-कभी शुरुआती गिरावट होती है, लेकिन समय पर EMI भुगतान करने से क्रेडिट स्कोर धीरे-धीरे बेहतर हो सकता है। लगातार भुगतान से क्रेडिट हिस्ट्री मजबूत होती है और बैंक के सामने आपकी रीपेमेंट क्षमता का अच्छा रिकॉर्ड बनता है। विशेषज्ञ कहते हैं कि लोन चुकाने का अनुशासन लंबे समय में स्कोर बढ़ाने का सबसे प्रभावी तरीका है। ऐसे में कार लोन लेने के बाद समय पर EMI भरना बहुत अहम है।
सावधानियां
स्कोर सुरक्षित रखने के लिए जरूरी सावधानियां
एक साथ कई लोन एप्लीकेशन जमा करने से क्रेडिट स्कोर तेजी से गिर सकता है, इसलिए सीमित लेंडर्स को ही आवेदन भेजना चाहिए। सॉफ्ट इंक्वायरी, जैसे ऑनलाइन ब्याज दर चेक करना, स्कोर पर असर नहीं डालती। लोन लेने से पहले क्रेडिट स्कोर चेक करना, तुलना प्लेटफॉर्म का उपयोग करना और EMI अपनी क्षमता के अनुसार चुनना जरूरी है। सही प्रक्रिया अपनाकर खरीदार अपनी क्रेडिट रेटिंग सुरक्षित रखते हुए आसानी से कार फाइनेंसिंग हासिल कर सकते हैं।