दिल्ली हाई कोर्ट ने की ऐपल की याचिका पर सुनवाई स्थगित, जानिए क्या है मामला
क्या है खबर?
दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को ऐपल की ओर से भारत के संशोधित प्रतिस्पर्धा कानून के प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी। इन प्रावधानों के तहत किसी कंपनी के वैश्विक कारोबार के आधार पर जुर्माना लगाया जा सकता है। अदालत ने कंपनी के वकील अभिषेक मनु सिंहवी के सरकार और भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) द्वारा दायर संयुक्त हलफनामे पर जवाब देने के लिए समय मांगे पर सुनवाई 27 जनवरी, 2026 तक टाल दी है।
निर्देश
केंद्र सरकार और CCI को दिया आदेश
हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायधीश तुषार राव गेडेला की पीठ ने केंद्र सरकार और CCI को एक सप्ताह के भीतर हलफनामा रिकॉर्ड पर रखने का निर्देश दिया और ऐपल को जवाब दाखिल करने की स्वतंत्रता दी। हलफनामे की सामग्री अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन इसमें भारत-विशिष्ट राजस्व के बजाय वैश्विक कारोबार के आधार पर जुर्माने की गणना को उचित ठहराने का प्रयास किया गया है।
विवाद
इस कारण पैदा हुआ विवाद
यह मामला प्रतिस्पर्धा अधिनियम की धारा 27(बी) में 2023 में किए गए परिवर्तनों और 2024 में अधिसूचित मौद्रिक दंड दिशा-निर्देशों के माध्यम से पेश किए गए संशोधनों को लेकर ऐपल की संवैधानिक चुनौती से उत्पन्न हुआ है। ये प्रावधान CCI को पिछले 3 वित्तीय वर्षों में किसी कंपनी के औसत वैश्विक कारोबार के 10 फीसदी तक का जुर्माना लगाने का अधिकार देते हैं। हाई कोर्ट ने 1 दिसंबर को नोटिस जारी कर केंद्र और CCI से स्पष्टीकरण मांगा था।
मामला
इस कारण लगाया जा रहा जुर्माना
यह मामला 2021-2022 के बीच गैर-सरकारी संगठनों, भारतीय स्टार्टअप्स और टिंडर, हिंज और ओकेक्यूपिड के मालिक मैच ग्रुप की ओर से दायर शिकायतों के बाद की गई जांच से जुड़ा है। इसमें आरोप लगाया गया था कि ऐपल ने अपने प्रमुख स्थान का दुरुपयोग करते हुए अपने इन-ऐप भुगतान सिस्टम के उपयोग को अनिवार्य किया और 30 फीसदी तक कमीशन वसूला। CCI को प्रथम दृष्टया दुरुपयोग के सबूत मिले, जिसे आईफोन निर्माता पर जुर्माना लगाया जाएगा।