
NPS के लॉक इन पीरियड में हुआ बदलाव, जानें किन कर्मचारियों को मिलेगा फायदा
क्या है खबर?
सेवानिवृत्ति के बाद अगर आप एक नियमित आमदनी चाहते हैं तो नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) अच्छा विकल्प हो सकती है।
यह स्कीम सरकार द्वारा चलाई जाने वाली अंशदायी पेंशन योजना है, जो लंबी अवधि की है। लेकिन कुछ कर्मचारियों के लिए इस स्कीम के लॉक इन पीरियड में बदलाव किया गया है।
NPS का लॉक इन पीरियड अब 10 साल की जगह पांच साल का हो गया है।
आइए जानते हैं कि किन कर्मचारियों को इसका फायदा मिलेगा।
जानकारी
क्या है नेशनल पेंशन स्कीम?
NPS एक सरकरी निवेश की स्कीम है, जिसका फायदा सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन के रूप में मिलता है।
इस स्कीम को साल 2004 में सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए शुरू की गई, जिसके बाद 2009 में सभी श्रेणी के लोगों के लिए चालू कर दी गई।
NPS में नियोक्ता और कर्मचारी दोनों ही निवेश कर सकते हैं।
इसके अलावा आप इस रकम का कुछ हिस्सा सेवानिवृत्ति के पहले भी निकाल सकते हैं।
योग्यता
इस स्कीम में कौन हो सकता है शामिल?
इस स्कीम में केंद्र, राज्य और प्राइवेट सेक्टर के अलावा हर कोई निवेश कर सकता है। इसके लिए निवेशक का भारतीय होना जरूरी है।
निवेश के लिए शख्स की उम्र 18 से 70 साल की होनी चाहिए।
KYC प्रक्रिया के बाद आम नागरिक भी निवेश कर सकते हैं।
नॉन रेजिडेंट इंडियन (NRI) भी स्कीम में निवेश कर सकते हैं। NRI का योगदान भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और फेमा द्वारा विनियमित किया जाता है।
अब इस स्कीम के लॉक इन पीरियड में बदलाव किया गया है।
फायदा
पांच साल के लॉक इन पीरियड का किन कर्मचारियों को होगा फायदा?
लॉक इन पीरियड का फायदा उन कर्मचारियों को मिलेगा, जो स्व-रोजगार वाले हैं। दरअसल, यह नियम उन कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा, जिनकी स्थायी नौकरी है।
वहीं जो कर्मचारी कंसल्टेंसी पर हैं, वह भी इस स्कीम से पांच साल पर निकल सकते हैं। वैसे तो NPS का लॉक इन पीरियड 10 साल का होता है।
बता दें कि लॉक इन पीरियड की अवधि पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने घटाई है।
रजिस्ट्रेशन
NPS में इस तरह होता है रजिस्ट्रेशन
अकाउंट खोलने के लिए NPS की वेबसाइट www.enps.nsdl.com पर जाएं।
अब ओपन योर NPS अकाउंट पर क्लिक करें।
यहां पर NPS सिस्टम पर जाकर रजिस्ट्रेशन को चुनें।
मांगी गई जानकारियों को भरें और सबमिट कर दें।
इसके बाद फिर से जरूरी जानकारी भरें, जैसे एक्नॉलेजमेंट नंबर, एक्नॉलेजमेंट डेट, फर्स्ट नेम, डेट ऑफ बर्थ, ईमेल एड्रेस आदि।
ई-साइन फॉर्म को भरने के बाद रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
अब योगदान देने के लिए क्लिक करें।