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अमेरिका की एक्सिओम स्पेस और भारत की स्काईरूट के बीच साझेदारी, क्या है उद्देश्य?
एक्सिओम स्पेस और स्काईरूट के बीच साझेदारी (तस्वीर: एक्सिओम स्पेस)

अमेरिका की एक्सिओम स्पेस और भारत की स्काईरूट के बीच साझेदारी, क्या है उद्देश्य?

Jun 25, 2025
05:46 pm

क्या है खबर?

अमेरिका की निजी अंतरिक्ष कंपनी एक्सिओम स्पेस ने भारत की स्काईरूट एयरोस्पेस के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। इसका मकसद अंतरिक्ष खोज को आगे बढ़ाना और पृथ्वी की निचली कक्षा (LEO) तक पहुंच के नए रास्ते खोजना है। यह साझेदारी भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते अंतरिक्ष सहयोग का उदाहरण है। एक्सिओम वही कंपनी है जिसके मिशन के तहत शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में गए हैं।

उद्देश्य

क्या है समझौते का उद्देश्य?

इस समझौते के तहत, एक्सिओम स्पेस और स्काईरूट मिलकर अंतरिक्ष रॉकेट लॉन्च और अंतरिक्ष में काम करने से जुड़ी चीजों में साथ काम करेंगे। एक्सिओम अपनी पेलोड, डाटा सेंटर और LEO मिशनों के लिए स्काईरूट की लॉन्च सेवाओं का इस्तेमाल कर सकती है, जो इसे तेज और किफायती बनाएगा। वहीं, स्काईरूट को भारत और दुनिया के दूसरे देशों में एक्सिओम के मिशनों से जुड़ने और अंतरिक्ष में अपनी भागीदारी बढ़ाने का अच्छा मौका मिलेगा।

लाभ

दोनों कंपनियों को होंगे क्या लाभ?

इस साझेदारी से एक्सिओम को स्काईरूट की लॉन्च क्षमताओं का लाभ मिलेगा और भारत में एक मजबूत सहयोगी भी मिलेगा। वहीं, स्काईरूट को एक्सिओम की वैश्विक उपस्थिति, मजबूत ग्राहक आधार और ऑर्बिटल मिशनों में गहरे अनुभव से काफी फायदा होगा। दोनों मिलकर अंतरिक्ष पहुंच को सुलभ, किफायती और लगातार बढ़ाने के लिए नई योजनाएं और रणनीतियां तैयार कर सकते हैं, जिससे भविष्य में बड़े मिशन संभव हो सकें।

योजना

भविष्य की योजनाओं को लेकर उत्साह

स्काईरूट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) पवन चंदना और एक्सिओम के तेजपॉल भाटिया ने इस साझेदारी को लेकर खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि दोनों कंपनियां मिलकर अंतरिक्ष में इंसानों के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए काम करेंगी। स्काईरूट जल्द ही अपना विक्रम-1 रॉकेट लॉन्च करने वाली है और एक्सिओम LEO में अपना अंतरिक्ष स्टेशन तैयार कर रही है। दोनों मिलकर नए और बड़े अंतरिक्ष प्रोजेक्ट पर काम करने की योजना बना रहे हैं।