भारत में इलेक्ट्रिक कारें क्यों लॉन्च नहीं कर रही मारुति? जानिए कंपनी की योजना
क्या है खबर?
भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की मांग बढ़ रही है। लगभग सभी कंपनियां अपने इलेक्ट्रिक वाहनों पर काम कर रही हैं। टाटा और हुंडई सहित कई कंपनियां तो अपनी इलेक्ट्रिक गाड़ियां लॉन्च भी कर चुकी हैं।
वहीं, मारुति सुजुकी कंपनी ने अभी तक एक भी इलेक्ट्रिक गाड़ी पेश नहीं की है। वर्तमान में कंपनी अपनी हाइब्रिड गाड़ियों पर काम कर रही है।
आइये जानते हैं कि आखिर क्यों मारुति ने अभी तक अपनी एक भी इलेक्ट्रिक कार लॉन्च नहीं की है।
बयान
"भारतीय बाजार में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की है सीमित मांग"
एक इंटरव्यू में कंपनी के CEO आरसी भार्गव ने कहा, "भारतीय मार्केट के इलेक्ट्रिक सेगमेंट में हम अपने मुकाबले के ठीक पीछे हैं, लेकिन अब भी हमें बाजार में मांग सीमित नजर आ रही है। असल में भारतीय बाजार में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री बहुत ही कम है।"
उन्होंने आगे कहा कि जब तक देश में हर महीने 10,000 से अधिक इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री ना होने लगे, तब तक कंपनी कोई भी इलेक्ट्रिक कार देश में नहीं उतारेगी।
जानकारी
2025 में कंपनी लॉन्च करेगी अपनी पहली इलेक्ट्रिक कार
रिपोर्ट के अनुसार, ऑटो कंपनी मारुति सुजुकी 2025 तक अपना पहला ऑल-इलेक्ट्रिक वाहन लॉन्च करेगी।
इस कार को पहले भारत में लॉन्च किया जाएगा, इसके बाद जापान और यूरोप में लॉन्च किया जाएगा। इस प्रकार इस कार की ग्लोबल लॉन्चिंग के लिए भारतीय मार्केट को चुना गया है।
जानकारी के मुताबिक यह कार काफी हद तक मारुति सुजुकी की इलेक्ट्रिक कार वैगनआर की तरह होगी। इसमें कई अपडेट्स भी किये जा सकते हैं।
इलेक्ट्रिक कार
शुरू हो चुकी है वैगनआर इलेक्ट्रिक की टेस्टिंग
रिपोर्ट्स मानें तो कंपनी वैगनआर इलेक्ट्रिक को सबसे पहले लॉन्च करेगी। मारुति 2019 में इसे पेश कर चुकी है।
वैगनआर EV टेस्टिंग के दौरान कई बार स्पॉट की गई है। इसमें रेडिएटर ग्रिल को एक स्लिम ब्लैंकिंग ट्रिम पीस के साथ जोड़ा गया है जो आगे की हेडलाइट्स के साथ जुड़ी हुई है।
इसमें नई हेडलाइट्स और पीछे के बंपर को पूरी तरह से नया रूप दिया गया है। सुजुकी की इलेक्ट्रिक कार में भी ये फीचर्स हो सकते हैं।
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस
चूंकि सुजुकी भारत में इसकी ग्लोबल लॉन्चिंग करेगी, इसलिए यह तोशिबा और डेंसो के साथ साझेदारी कर गुजरात में एक बैटरी प्लांट भी स्थापित कर रही है।
बैटरी एक इलेक्ट्रिक वाहन का सबसे महंगा पार्ट होता है और अगर इसे आयात किया गया तो इसके लिए भारी टैक्स चुकाने पड़ेंगे।
आपको बता दें कि इसके लिए कंपनी करीब 10,445 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना बना रही है और इससे इलेक्ट्रिक गाड़ियों की कीमत में भी गिरावट आएगी।