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क्यों टेस्ट कारों को छलावरण से ढकती हैं कंपनियां? जानिए इसकी वजह 
नए मॉडल का डिजाइन छुपाने के लिए उसे छलावरण से ढका जाता है (तस्वीर: एक्स/@MaxPatten)

क्यों टेस्ट कारों को छलावरण से ढकती हैं कंपनियां? जानिए इसकी वजह 

Aug 27, 2025
09:31 pm

क्या है खबर?

जब भी कोई नया मॉडल परीक्षण के लिए सड़क पर आता है, तो आपने उसे छलावरण से ढका हुआ देखा होगा। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि कार निर्माता ऐसा क्यों करती हैं। नए मॉडल के बारे में जानने की कार प्रेमियों में भी उत्सुकता होती है, लेकिन कंपनी ऐसा नहीं चाहती। वे उसके बाहरी हिस्से को ही नहीं, बल्कि इंटीरियर को भी उजागर नहीं होने देती। आइये जानते हैं टेस्ट कारों को छिपाने के पीछे क्या कारण है।

शुरुआत 

कैसे हुई थी छलावरण की शुरुआत?

'छलावरण' नाम से ही पता चलता है कि यह भ्रम पैदा करने के लिए होता है, जाे कई रंग के संयोजन में आता है। इसकी शुरुआत 1900 के दशक में हुई, जब ब्रिटिश सैनिकों ने अपने जहाजों को काले और सफेद रंग के आवरण में छुपा दिया था। इससे जहाजों का आकार, दिशा और गति पहचान में नहीं आती थी और इसी वजह से प्रथम विश्व युद्ध में 4,00 से ज्यादा जहाजों को छलावरण में रखा गया।

उद्देश्य 

क्या है इसके पीछे उद्देश्य?

कार निर्माताओं के टेस्ट मॉडल को छलावरण से ढकने के पीछे सबसे पहले गोपनीयता एक प्रमुख विपणन रणनीति है। किसी नए मॉडल को छलावरण और रहस्य से ढकने से संभावित खरीदारों की उत्सुकता बढ़ती है। दूसरा कार के डिजाइन का खुलासा मौजूदा मॉडल की बिक्री पर असर डाल सकता है, क्योंकि ग्राहक मौजूदा डिजाइन की तुलना आने वाले विकल्पों से करते हैं। साथ ही दूसरी कंपनियों से डिजाइन गोपनीय रखना है, जिसे बनाने में पैसा और समय खर्च हुआ है।

भ्रम 

भ्रम पैदा करता है यह आवरण 

यह आवरण कार को छुपाना के लिए नहीं, बल्कि आंखों को भ्रमित करने के लिए है। अजीबोगरीब पैटर्न वाले विनाइल रैप आपका ध्यान गाड़ी की हेडलाइट, टेललाइट, ग्रिल आदि पर नहीं जाता। कंपनियां नहीं चाहती कि लोग उन डिजाइनों पर नजर डालें, जो अभी तक सामने नहीं आए हैं। यह छुपाव कट, क्रीज, बॉडी की आकृति को उजागर नहीं होने देता। इसके अलावा यह आवरण दौड़ती गाड़ी की स्पष्ट तस्वीरें भी नहीं लेने देता।

इंटीरियर 

इंटीरियर भी नहीं होता उजागर 

कई निर्माता अपनी कारों के अंदरूनी हिस्से को भी आवरण में लपेट देते हैं। इसके विकल्प के तौर पर टेस्ट कारों की खिड़कियों पर जालीदार कोटिंग का इस्तेमाल किया जाता है, ताकि अंदर का हिस्सा कैमरों और आंखों से साफ दिखाई न दे। कई बार गाड़ी को पूरी तरह से छिपाने के लिए प्लास्टिक और फोम की परतों का भी इस्तेमाल होता है। भ्रम पैदा करने के लिए पुरानी कार के बॉडी पार्ट्स लगा दिए जाते हैं।