
हाइब्रिड या इलेक्ट्रिक कौन सी कार रहेगी आपके लिए सही? जानिए दोनों में खास अंतर
क्या है खबर?
आजकल कई लोग नई कार लेते समय सोच में पड़ जाते हैं कि हाइब्रिड कार लें या इलेक्ट्रिक कार खरीदें। ये दोनों गाड़ियां ईंधन बचाने और पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचाने के लिए बनाई गई हैं, लेकिन दोनों का तरीका अलग है। हाइब्रिड में इंजन और बैटरी दोनों चलते हैं, जबकि इलेक्ट्रिक पूरी तरह बैटरी पर चलती है। ऐसे में कोई भी फैसला लेने से पहले इनके अंतर और खर्च को समझना जरूरी है।
#1
ईंधन और चार्जिंग का फर्क
हाइब्रिड कार में पेट्रोल इंजन और इलेक्ट्रिक मोटर साथ काम करते हैं। छोटी दूरी पर बैटरी से चलती है और लंबी यात्रा में पेट्रोल का सहारा लेती है। इलेक्ट्रिक कार पूरी तरह बैटरी पर चलती है, जिसे चार्जिंग स्टेशन पर चार्ज करना पड़ता है। अगर आपके शहर में चार्जिंग स्टेशन कम हैं, तो हाइब्रिड कार रोजमर्रा के लंबे सफर के लिए और भी आसान और भरोसेमंद विकल्प बन सकती है।
#2
कीमत और मेंटेनेंस का अंतर
हाइब्रिड कार की शुरुआती कीमत इलेक्ट्रिक कार से थोड़ी कम होती है, पर इसमें इंजन और बैटरी दोनों होने से सर्विस का खर्च थोड़ा ज्यादा हो सकता है। इलेक्ट्रिक कार में इंजन नहीं होता, इसलिए मेंटेनेंस कम है, लेकिन बैटरी बदलने पर बड़ा खर्च आता है। लंबी अवधि में चार्जिंग का खर्च पेट्रोल से कम होने के कारण इलेक्ट्रिक कार सस्ती पड़ सकती है और पर्यावरण को साफ रखने में भी मदद करती है।
#3
किसके लिए कौन सही?
अगर आप रोजाना शहर में छोटी दूरी तय करते हैं और चार्जिंग स्टेशन पास में हैं तो इलेक्ट्रिक कार आपके लिए बेहतर है। लंबी दूरी की यात्राएं करने वालों के लिए हाइब्रिड कार सुरक्षित और सुविधाजनक रहेगी, क्योंकि पेट्रोल इंजन बैकअप देता है। बजट, चार्जिंग सुविधा और सफर की दूरी देखकर ही फैसला लें। दोनों कारें पर्यावरण के लिए अच्छी हैं, बस जरूरत और उपयोग के हिसाब से चुनाव करना चाहिए।