कार के ब्रेक फ्लुइड को कब बदलना है जरूरी? जानिए क्या है तरीका
कार को सही तरह से चलाने के लिए छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना जरूरी है। सुरक्षित ड्राइविंग के लिए ब्रेकिंग सिस्टम बेहतर होना जरूरी है। इसलिए, गाड़ियों के ब्रेक को कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। कार पर लगे ब्रेक हाइड्रोलिक सिस्टम की मदद से काम करते हैं, जिसके लिए एक विशेष तरल पदार्थ (फ्लुइड) की जरूरत होती है। यह ब्रेक लगाने के लिए हाई प्रेशर बनाता है। आइये जानते हैं कार के ब्रेक फ्लुइड को कब और कैसे बदलें।
ब्रेक फ्लुइड में यह आने लगती है समस्या
जब ब्रेक फ्लुइड साफ और शुद्ध रहता है, तो ब्रेक सामान्य रूप से काम करते हैं। हालांकि, समय के साथ यह तरल पदार्थ पानी, हवा और जंग से दूषित हो जाता है। इससे यह गर्म होने के कारण पुराना और रंगहीन हो जाता है। अगर गाड़ी को रोकने के लिए ब्रेक पेडल पर ज्यादा दबाव देना पड़ रहा है या पूरी तरह ब्रेक लगने में ज्यादा समय लगता है, तो समझ जाएं ब्रेक फ्लुइड बदलने का समय आ गया है।
ऐसे बदलें कार में ब्रेक फ्लुइड
ब्रेक द्रव को हर 2 साल या 50,000 किलोमीटर पर बदल देना चाहिए। ESP, ट्रैक्शन कंट्रोल और ABS से लैस कारों में इसे जल्दी बदलना पड़ता है। इसे बदलने के लिए पहले मास्टर सिलेंडर रिजर्वायर में मौजूद पुराने फ्लुइड को निकाल दें। रिजर्वायर को खाली करने के बाद, इसे ताजे फ्लुइड से भर दें और ब्रेक का एयर निकालें। पिछले हिस्से से शुरू करते हुए आगे के ब्रेक की एयर निकालें और फिर रिजर्वायर को रीफिल लाइन तक भर दें।