
डिजिटल और सेमी-डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर में क्या है अंतर? जानिए कौनसा आपके लिए सही
क्या है खबर?
ड्राइविंग करते समय इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर गाड़ी का काफी अहम हिस्सा होता है। यह आपको गाड़ी की स्पीड, हेडलाइट्स और फ्यूल लेवल सहित कई फीचर्स के बारे में जानकारी देता है। आधुनिक कारों में डिजिटल या सेमी-डिजिटल रूप में मौजूद होता है, जबकि पुराने मॉडल्स में एनालॉग क्लस्टर दिया जाता था। आप भी नई कार में इसके चयन को लेकर दुविधा में हैं तो आइये जानते हैं डिजिटल या सेमी-डिजिटल क्लस्टर में क्या अंतर है और इनमें से कौनसा बेहतर है।
एनालॉग क्लस्टर
क्या होता है एनालॉग क्लस्टर?
एंट्री लेवल गाड़ियों में एनालॉग क्लस्टर का इस्तेमाल किया जाता है। इनमें डायल (सुई) लगे होते हैं, जो ड्राइवर को फ्यूल, स्पीड और इंजन RPM की जानकारी प्रदान करते हैं। क्लस्टर में उपलब्ध गेज काफी सरल होते हैं। इस वजह से इनमें होने वाले परिवर्तनों से जानकारी प्राप्त करना आसान होता है। इसके गेज को बदलना आसान है और ये सस्ते भी होते हैं। डैशबोर्ड में अधिक जगह घेरने और कम जानकारी प्रदर्शित करने के कारण अब कम लोकप्रिय हैं।
डिजिटल क्लस्टर
क्या है डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर?
डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर स्मार्ट होने के कारण वर्तमान में चलन में हैं और एनालॉग गेज की तुलना में अधिक जानकारी प्रदान करते हैं। इनमें मिलने वाली जानकारी अधिक सटीक होती है। यह क्लस्टर टायर के दबाव और ABS की भी जानकारी देता है, जो एनालॉग मीटर में नहीं मिलती है। वर्तमान में गाड़ियों मिलने वाले डिजिटल डिस्प्ले अलग-अलग थीम, रंग और 3D इमेजरी के साथ जानकारी की पेशकश करते हैं, जो चालक को बेहतर अनुभव प्रदान करते हैं।
फायदे-नुकसान
क्या है डिजिटल क्लस्टर के के फायदे-नुकसान?
फायदे की बात करें तो डिजिटल डिस्प्ले से चालक को गाड़ी की अधिक जानकारी प्राप्त होती है। कई सुविधाओं से संबंधित अलर्ट भी सतर्क करने में उपयोगी है। साथ ही ये केबिन को प्रीमियम लुक देते हैं। नुकसान देखें तो इसे रिफ्रेश रेट से निपटना पड़ता है, जिससे जानकारी को अपडेट होने में समय लगता है। इसे खरीदने के लिए अधिक कीमत चुकाने के साथ ज्यादा खराब होने की संभावना के कारण मेंटेनेंस का खर्चा भी ज्यादा होता है।
सेमी-डिजिटल क्लस्टर
क्या है सेमी-डिजिटल क्लस्टर?
एनालॉग गेज के अपने फायदे हैं, वहीं डिजिटल डिस्प्ले का भी अपना अलग आकर्षण है। इस वजह से कई गाड़ियों में सेमी-डिजिटल क्लस्टर भी मिलता है। ये दोनों तकनीकों के मिश्रण का उपयोग करके काम करता है। यह एनालॉग की सुविधा और डिजिटल मीटर के प्रदर्शन, तकनीक और जानकारी प्रदान करते हैं। सेमी-डिजिटल क्लस्टर तापमान, ईंधन, ओडो जैसी जानकारी के लिए एनालॉग डायल का उपयोग करते हैं, जबकि गति, टैकोमीटर आदि को डिजिटल रूप के लिए छोड़ दिया जाता है।
फायदा-नुकसान
ये हैं सेमी-डिजिटल क्लस्टर के फायदे-नुकसान
सेमी-डिजिटल इंस्ट्रुमेंट क्लस्टर के कई फायदे हैं। पहला तो ये लागत में किफायती होते हैं, इस कारण भारतीय बाजार में उपलब्ध बजट सेगमेंट की गाड़ियों में आसानी से मिल जाते हैं। दूसरी तरफ डिजिटल डिस्प्ले के समान ही इनमें अधिक जानकारियों के बारे में पता चलता है। इसमें एनालॉग और डिजिटल डिस्प्ले दोनों की तकनीक होने से इसके खराब होने की भी संभावना ज्यादा रहती है और इनकी मरम्मत करना भी आसान नहीं होती है।