
कार की वारंटी और एक्सटेंडेड वारंटी में क्या होता है अंतर?
क्या है खबर?
जब भी कोई ग्राहक नई कार खरीदता है, तो उसके साथ कंपनी की ओर से एक निश्चित समय तक वारंटी दी जाती है। इस वारंटी के अंतर्गत कार के कुछ हिस्सों की मरम्मत और खराबी को मुफ्त में ठीक किया जाता है। वारंटी का उद्देश्य ग्राहक को भरोसा और सुरक्षा देना होता है, लेकिन वारंटी केवल सीमित समय या किलोमीटर तक ही मान्य रहती है, इसके बाद यह अपने आप समाप्त हो जाती है।
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सामान्य वारंटी की सीमाएं
सामान्य वारंटी ज्यादातर कार कंपनियां 3 से 5 साल तक देती हैं। इस दौरान इंजन, गियरबॉक्स या इलेक्ट्रिकल पार्ट्स जैसी मुख्य चीजों की खराबी कंपनी अपने खर्च पर ठीक करती है। हालांकि, इसमें कुछ शर्तें भी होती हैं, जैसे नियमित सर्विसिंग कराना और असली पार्ट्स का इस्तेमाल करना। सामान्य वारंटी खत्म होने के बाद यदि कार में खराबी आती है, तो ग्राहक को सारा खर्च खुद उठाना पड़ता है।
#2
एक्सटेंडेड वारंटी की सुविधा
जब सामान्य वारंटी समाप्त हो जाती है, तब ग्राहक चाहें तो एक्सटेंडेड वारंटी ले सकते हैं। यह एक अतिरिक्त सुविधा होती है, जिसमें कंपनी पैसे लेकर वारंटी की अवधि को आगे बढ़ा देती है। इससे कार मालिक को लंबे समय तक सुरक्षा मिलती है और अचानक आने वाले बड़े खर्चों से राहत मिलती है। एक्सटेंडेड वारंटी आम तौर पर 2 से 3 साल तक और बढ़ाई जा सकती है।
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दोनों वारंटी में मुख्य अंतर
सामान्य वारंटी नई कार के साथ मुफ्त में मिलती है, जबकि एक्सटेंडेड वारंटी अलग से खरीदनी पड़ती है। सामान्य वारंटी सीमित समय के लिए होती है, वहीं एक्सटेंडेड वारंटी उसे और बढ़ा देती है। सामान्य वारंटी केवल शुरुआती वर्षों की सुरक्षा देती है, जबकि एक्सटेंडेड वारंटी लंबे समय तक भरोसा दिलाती है। इस तरह दोनों वारंटी का मकसद ग्राहक को सुविधा देना है, लेकिन अंतर उनके समय और लागत में होता है।